25 June: मैदान वही, तारीख वही, बस कहानियां अलग-अलग…भारतीय क्रिकेट इतिहास में अमर हो गई ये डेट

एक ऐसी तारीख, जो भारत के सबसे पसंदीदा खेल यानी क्रिकेट की पहचान बनी। वो तारीख है 25 जून… जिसे याद कर हर एक हिंदुस्तानी का सीना आज भी गर्व से चौड़ा हो जाता है।

लोगों के लिए ये सिर्फ एक डेट नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम की उन सभी पुरानी यादों और अविस्मरणीय जीत का प्रतीक है। यह वो दिन है जब भारतीय क्रिकेट ने एक नहीं, दो बार इतिहास लिखा था और हमेशा के लिए अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कराया।

दिन भी वही था और मैदान भी, बस अंतर था तो फॉर्मेट का और 51 साल का। 25 जून 1932 को टीम इंडिया ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच (Indian Test debut) खेला था, जिसमें उसे 158 रनों से हार झेलनी पड़ी थी, लेकिन एक नया इतिहास लिखा गया था। वहीं, टीम इंडिया ने इसके 51 साल बाद इसी तारीख और उसी मैदान (लॉर्ड्स) में अपना पहला आईसीसी खिताब जीता था।

(1983 Cricket World Cup) आज ही के दिन कपिल देव की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने पहली बार आईसीसी वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले इंग्लैंड के लॉर्ड्स के मैदान पर भारत ने वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराकर खिताब पर कब्जा किया।

25 June 1932: जब भारत ने खेला था पहला टेस्ट मैच
आज का दिन यानी 25 जून की तारीख… जब 1932 में भारतीय टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत हुई। टीम इंडिया ने आज ही के दिन अपना पहला टेस्ट मैच खेला था । ये मैच लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला गया था। सीके नायडू भारत के पहले कप्तान बने थे।

ये मुकाबला तीन दिवसीय रखा गया था। मैच में इंग्लैंड के कप्तान डगलस जॉर्डिन ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया। कप्तान सीके नायडू ने तेज गेंदबाज मोहम्मद निसार को गेंद सौंपी और उनकी रफ्तार ने अंग्रेजों के होश उड़ा दिए।

25 June 1932: जब भारत ने खेला था पहला टेस्ट मैच
इंग्लैंड ने 19 रन के अंदर अपने तीन विकेट खो दिए थे। दोनों ओपनर्स पवेलियन लौट चुके थे। वहीं फ्रैंक वूली रन आउट हुए। हालांकि, इंग्लैंड के कप्तान डगलस ने शानदार 79 रन की पारी खेलकर टीम की पारी को संभाला था। पहली पारी में इंग्लैंड 259 रन पर ढेर हो गई थी। मोहम्मद निसार ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में 5 विकेट लिए थे। सीके नायडू को दो सफलता मिली थी।

इसके जवाब में भारतीय टीम पहली पारी में 189 रन ही बना सकी। टीम के लिए कप्तान सीके नायडू ने सबसे ज्यादा 40 रन बनाए थे। वह फील्डिंग के दौरान लगी चोट के बावजूद बल्लेबाजी करने आए।

वहीं, दूसरी पारी में इंग्लैड की टीम ने 8 विकेट पर 275 रन बनाए। भारत के लिए जहांगीर ने 60 रन पर 4 विकेट लिए थे। अब टीम इंडिया को जीत के लिए 346 रन का बड़ा टारगेट मिला था, जिसके जवाब में वह 187 रन ही बना सकी। इस तरह भारत ने पहला टेस्ट मैच 159 रन से गंवाया, लेकिन इसके बावजूद टीम के प्रदर्शन ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा।

जब भारत ने जीता था 1983 Cricket World Cup मैच

25 जून 1983, जब भारतीय टीम और वेस्टइंडीज के बीच लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर वर्ल्ड कप खेला जा रहा था। इस मैच में जब टीम इंडिया मैदान पर उतरी थी, तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि ये टीम खिताब जीतेगी। टीम ने विश्व कप में शुरुआत भले ही अच्छी की थी।

जहां दो शुरुआती मैच जीते थे, लेकिन बाद में अगले दो मैच में टीम को बुरी हार मिली थी, जिसके बाद उनके विश्व कप जीतने की उम्मीदें कम हो गई थी, लेकिन दो मैच गंवाने के बावजूद टीम इंडिया ने दमदार वापसी की और जिम्बाब्वे को 36 रन से हराया।

फिर टीम ने ऑस्ट्रेलिया से हार का बदला लिया और उसे 118 रन से मात दी और सेमीफाइनल में जगह बनाई। सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को हराकर विश्व कप 1983 के फाइनल में एंट्री की, जहां उसका सामना वेस्टइंडीज से हुआ और उसने 43 रन से टीम को हराकर ये खिताब जीतकर इतिहास रचा।

भारतीय टीम ने दो बार की मौजूदा चैंपियन वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। यही वह साल था जिसे भारतीय क्रिकेट में नए युग की शुरुआत का साल कहा जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button