रामलला को दस दिन में अर्पित हुए 25 करोड़

रामलला के प्रति उमड़े आस्था के ज्वार ने सभी अनुमानों को धराशायी कर दिया है। अनुमान लगाया जा रहा था कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 20 से 25 हजार लोग प्रतिदिन नए मंदिर में उनके दर्शन करेंगे, लेकिन पिछले दस दिनों का आंकड़ा देखें तो यह संख्या लगभग ढाई लाख प्रतिदिन पहुंच रही है।

इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 31 जनवरी तक आई अर्पण राशि की गणना की तो सारे अनुमान ध्वस्त हो गए। जब तक रामलला वैकल्पिक गर्भगृह में विराजमान थे तो प्रतिदिन 20 से 25 हजार रुपये अर्पण होते थे, लेकिन पिछले दस दिनों में ही 25 करोड़ रुपये का अर्पण हुआ।रामलला को यह धनराशि विभिन्न माध्यमों से मिली।

इसमें सर्वाधिक राशि आनलाइन प्राप्त हुई। चेक व मंदिर में लगे दानपात्रों में जमा धनराशि की गिनती पूर्ण हो गई है। इस धनराशि में भारतीय स्टेट बैंक के खाते में लगभग 22 करोड़ तथा तीन करोड़ रुपये बैंक आफ बड़ौदा व पंजाब नेशनल बैंक के खाते में आए हैं।

मंदिर में लगे दो बड़े दानपात्रों की गिनती में दो करोड़ रुपये और चेक से छह करोड़ रुपये मिले। शेष धनराशि आनलाइन खाते में आई है। सर्वाधिक निधि अर्पण पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव किशोर कुणाल ने दो करोड़ रुपये दिया। एक अन्य भक्त ने 75 लाख रुपये का चेक दिया। कई चेक छोटी-छोटी धनराशि के हैं।

प्राण प्रतिष्ठा के पहले 21 जनवरी को ही नव्य मंदिर परिसर के गर्भगृह के सामने दो बड़े दानपात्र व 10 ई-पास मशीनें लगाई गईं। दो स्थलों पर दान के विशेष दस काउंटर हैं। इन काउंटरों पर दान देने वालों को रसीद दी जाती है। दानपात्रों में आने वाली नकद धनराशि गिनती कर एसबीआइ के निर्धारित खाते में जमा की गई।

दानपात्रों में आने वाली राशि की गिनती के लिए दस बैंक कर्मी हैं। इसके अलावा तीनों ही बैंकों में ट्रस्ट ने आनलाइन दान देने के लिए अलग-अलग खाते खोले हैं।

ट्रस्ट के एक पदाधिकारी के अनुसार दस दिन की अवधि में दान का कुल आंकड़ा 25 करोड़ पार कर गया है, जबकि तीन दिनों में यह आंकड़ा आठ करोड़ था। प्राण प्रतिष्ठा के पहले दर्शनार्थियों की नित्य की संख्या औसतन 20 से 25 हजार थी जो अब बढ़कर दो लाख पार हो गई है। 31 जनवरी तक दर्शन करने वालों की संख्या 27 लाख के पार है। नित्य दान करीब दो करोड़ रुपये आ रहा है।

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