सुप्रीम कोर्ट ने 24 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की दी अनुमति

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में 24 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल (केईएम) के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट की जांच पड़ताल के बाद यह निर्णय दिया है। नियमानुसार गर्भ धारण करने के 20 सप्ताह बाद गर्भपात कराना गैरकानूनी है। सुप्रीम कोर्ट ने 24 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की दी अनुमति

मां के जीवन को खतरा होने के आधार पर जस्टिस एसए बोब्दे और एल नागेश्वर राव की पीठ ने मंगलवार को 22 वर्षीय गर्भवती महिला के पक्ष में फैसला सुनाया।

मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में भ्रूण में कई तरह की गड़बड़ी होने की बात कही थी। मेडिकल जांच में फेफड़े के सिकुड़े होने के अलावा भ्रूण में किडनी न होने की बात सामने आई थी।

बोर्ड ने ऐसी हालत में बच्चे को जन्म देने पर मां की जान को खतरा होने की आशंका जाहिर की थी।

पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के ही पूर्व के फैसले को ध्यान में रखते हुए महिला की अर्जी को स्वीकार कर लिया और गर्भपात कराने की मंजूरी दे दी।

मेडिकल बोर्ड में केईएम अस्पताल के प्रसूति विभाग के अलावा अन्य विभाग के डॉक्टर भी शामिल थे। महिला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पांच फरवरी को मेडिकल बोर्ड का गठन किया था।

कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया था कि याची को गर्भ के 21वें सप्ताह में भ्रूण में किडनी नहीं होने की जानकारी मिली थी।

एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 16 जनवरी को मुंबई की एक महिला को 24वें सप्ताह में गर्भपात की अनुमति दी थी। इसमें भ्रूण की खोपड़ी ही नहीं थी।

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