2027 तक भारत कैसे बनेगा 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था

भारत को 2047 तक 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए कई कदम उठाने होंगे। इनमें प्रमुख रूप से वित्तीय क्षेत्र में सुधारों को और गति देने व निजी पूंजी जुटाने को बढ़ावा देने की जरूरत है। विश्व बैंक ने शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि भारत के विश्व स्तरीय डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और सरकारी कार्यक्रमों ने पुरुषों और महिलाओं के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में उल्लेखनीय सुधार किया है।

विश्व बैंक की वित्तीय क्षेत्र मूल्यांकन (एफएसए) रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत द्वारा सहकारी बैंकों पर नियामक प्राधिकरण का विस्तार करने की जरूरत है। प्रमुख नियमों को कड़ा करना व प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए नियामक और पर्यवेक्षी विभागों का पुनर्गठन किया जाना चाहिए। एजेंसी ने एनबीएफसी के लिए पैमाना आधारित विनियमन का भी स्वागत किया है, जो इस विविध उद्योग की विभिन्न जरूरतों को पहचानता है। बैंकों और एनबीएफसी की बेहतर निगरानी के लिए ऋण जोखिम प्रबंधन ढांचे को और मजबूत करने की सिफारिश की है।

क्या कहती है रिपोर्ट?

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एफएसएपी के बाद से पूंजी बाजार (इक्विटी, सरकारी बॉन्ड और कॉरपोरेट बॉन्ड) जीडीपी के 144 फीसदी से बढ़कर 175 फीसदी हो गए हैं। इन लाभों को एक मजबूत पूंजी बाजार बुनियादी ढांचे और विविध निवेशक आधार का समर्थन प्राप्त है। रिपोर्ट में अधिक पूंजी जुटाने के लिए ऋण वृद्धि तंत्र, जोखिम साझाकरण सुविधाएं और प्रतिभूतिकरण प्लेटफॉर्म विकसित करने का सुझाव दिया गया है।

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