20 हज़ार करोड़ की सेंट्रल विस्टा योजना पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब 17 जुलाई को

(मीडिया स्वराज़ डेस्क )
केंद्र की प्रस्तावित बीस हज़ार करोड़ लागत की सेंट्रल विस्टा योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 17 जुलाई के लिए टल गयी है.  जस्टिस ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये सुनवाई केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर टाली। 
 पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्ट पर काम रोकने से इनकार कर दिया था। पीठ ने कहा था कि प्राधिकरण को कानून के मुताबिक काम करने से कैसे रोक सकते हैं।अगर अदालत के मामले की सुनवाई के दौरान सरकार प्रोजेक्ट पर काम जारी रखती है तो ये उसके जोखिम और कीमत पर है। 
सुप्रीम कोर्ट राजीव सूरी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि भूमि उपयोग में अवैध परिवर्तन किया गया है।
यह तर्क दिया गया है कि सरकार की अधिसूचना, 20 मार्च, 2020, जो 19 दिसंबर, 2019 को दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा जारी एक सार्वजनिक सूचना को निरस्त करती है, न्यायिक नियमों के खिलाफ है क्योंकि मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
सेंट्रल विस्टा में संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, उत्तर और दक्षिण ब्लॉक की इमारतें, जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों और इंडिया गेट जैसी प्रतिष्ठित इमारतें हैं। केंद्र सरकार एक नया संसद भवन, एक नया आवासीय परिसर बनाकर उसका पुनर्विकास करने का प्रस्ताव कर रही है जिसमें प्रधान मंत्री और उपराष्ट्रपति के अलावा कई नए कार्यालय भवन होंगे।
केंद्र की ये योजना 20 हजार करोड़ रुपये की है। 20 मार्च, 2020 को केंद्र ने संसद, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक जैसी संरचनाओं द्वारा चिह्नित लुटियंस दिल्ली के केंद्र में लगभग 86 एकड़ भूमि से संबंधित भूमि उपयोग में बदलाव को अधिसूचित किया था। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी मार्च 2020 की अधिसूचना को रद्द करने के लिए अदालत से आग्रह करते हुए, याचिकाकर्ता का तर्क है कि यह निर्णय अनुच्छेद 21 के तहत एक नागरिक के जीने के अधिकार  का उल्लंघन है। इसे एक क्रूर कदम बताते हुए, सूरी का दावा है यह लोगों को अत्यधिक क़ीमती खुली जमीन और ग्रीन इलाके का आनंद लेने से वंचित करेगा।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था, “एक नई संसद का निर्माण किया जा रहा है। किसी को कोई समस्या क्यों होनी चाहिए?” 
 

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