महंगे प्लान का दिखा असर, प्राइवेट कंपनियों के 2.7 करोड़ ग्राहक 4 महीने में घटे
प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने इस साल जुलाई में अपने प्रीपेड प्लान्स की कीमतों में बढ़ोतरी की थी। इसका फायदा सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL को मिला। कंपनी के ग्राहक 68 लाख बढ़े हैं जिसने टैरिफ नहीं बढ़ाया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर तक 4 महीनों में सबसे ज्यादा 1.65 करोड़ ग्राहक सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो से कम हुए हैं।
इस साल जुलाई में Jio, Vi और Airtel जैसी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों अपने प्रीपेड प्लान की कीमतों में बढ़ोतरी की थी। इसका असर BSNL के लिए सराकात्मक तौर पर हुआ। सरकारी टेलीकॉम कंपनी के ग्राहक बढ़ गए। वहीं, Jio के ग्राहक सबसे ज्यादा तेजी से घटे। अच्छी बात ये थी कि सभी प्राइवेट कंपनियों द्वारा प्लान की कीमत बढ़ाने के बाद BSNL ने अपने प्लान महंगे नहीं किए थे।
कंपनियों ने की थी 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी
दरअसल, इस साल जुलाई की शुरुआत में प्राइवेट सेक्टर की सभी तीन टेलीकॉम कंपनियों ने टैरिफ में 25% तक बढ़ोतरी की थी। तब से लेकर अक्टूबर तक इनके 2.69 करोड़ ग्राहक घट गए। दूसरी तरफ सरकारी कंपनी BSNL के ग्राहक 68 लाख बढ़े हैं, जिसने टैरिफ नहीं बढ़ाया था।
सबसे ज्यादा घटे जियो के ग्राहक
टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर तक 4 महीनों में सबसे ज्यादा 1.65 करोड़ ग्राहक सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो से कम हुए हैं। वहीं, भारती एयरटेल के 36 लाख और वोडाफोन आइडिया के 68 लाख ग्राहक घटे हैं। बहरहाल, अक्टूबर में रिलायंस जियो के मोबाइल ग्राहकों की संख्या 37.61 लाख घटकर 46 करोड़ रह गई।
इसी तरह वोडा-आइडिया के ग्राहक भी 19.77 लाख कम होकर 21 करोड़ रह गए। हालांकि, भारती एयरटेल के ग्राहक 19.28 लाख बढ़कर 38.54 करोड़ हो गए। अक्टूबर के आखिर तक देश में ब्रॉडबैंड ग्राहक 0.31% घटकर 94.14 करोड़ रह गए।
TRAI ने जारी किया है नया आदेश
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने दूरसंचार कंपनियों को इंटरनेट डेटा खरीदने की बाध्यता के बिना केवल वॉयस कॉल और मैसेज के लिए रिचार्ज प्लान पेश करने का आदेश दिया है। ट्राई ने सोमवार को दूरसंचार उपभोक्ता संरक्षण (12वां संशोधन) विनियमन 2024 में इन बदलावों की घोषणा की है।
इस कदम का उद्देश्य उन लाखों ग्राहकों के लिए बेहतर विकल्प प्रदान करना है, जिन्हें अलग-अलग कारणों से डेटा की जरूरत नहीं होती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में लगभग 150 मिलियन लोग 2G यूजर्स, डुअल-सिम यूजर्स, बुजुर्ग व्यक्ति और ग्रामीण निवासी हैं। इस कदम से यूजर्स को केवल उस सेवा के लिए पेमेंट करने की अनुमति मिलेगी जिसकी उन्हें जरूरत है, न कि उस डेटा के लिए पेमेंट करने की जिसकी उन्हें जरूरत नहीं है।