2-3 वर्ष के बाद खेलना चाहते थे सुरेश रैना, पर 2-3 मिनट में दोस्त धौनी के साथ चल दिए
10 अगस्त को मेरी और सुरेश रैना की मुलाकात गाजियाबाद के मोर्टी गांव में बनी आरपीएल स्पोर्ट्स ग्राउंड में हुई। वह आइपीएल के लिए ही नहीं, बल्कि 2021 और 2022 टी-20 विश्व कप के लिए भी खुद को तैयार कर रहे थे। उन्होंने मुझसे कहा कि भाई बहुत सही लय में हूं और अभी तीन साल खेल सकता हूं। वह चेन्नई जाकर महेंद्र सिंह धौनी और अपनी टीम से मिलने के लिए बेताब थे। उनका संन्यास का कोई इरादा नहीं था।
चेन्नई जाने से पहले उन्होंने इसको लेकर परिवार से कोई बात नहीं की। शनिवार की दोपहर 12 बजे उनकी परिवार के कुछ सदस्यों से बात हुई, लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं बताया। शाम को धौनी के संन्यास लेने के 15 मिनट के अंदर ही उन्होंने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट छोड़ने की घोषणा कर दी। उनके इस फैसले से उनका परिवार भी हैरान है, लेकिन सबको पता है कि धौनी और रैना की दोस्ती जय-वीरू वाली है।
रैना और धौनी साथ खेले और साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायर हो गए। अब दोनों साथ में ही सीएसके के लिए आइपीएल खेलते रहेंगे। गाजियाबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और सुरेश रैना के रिश्तेदार राकेश मिश्रा ने कहा कि जब से उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट की है उसके बाद से उनसे परिवार की बात नहीं हो पाई है। वह धौनी से बहुत ज्यादा जुड़े हुए थे। निश्चित तौर पर इस भावनात्मक जुड़ाव के कारण ही उन्होंने धौनी के साथ ही संन्यास लिया।
रैना ने दैनिक जागरण को दिए साक्षात्कार में कहा था कि यह आइपीएल बहुत भावुक होगा। पांच महीने परिवार की जगह साथियों के साथ बिताने होंगे। मैं अपनी फिटनेस पर काम कर रहा हूं। मुझे नहीं पता कि मैं टीम इंडिया में खेलूंगा या नहीं, लेकिन मैं इस समय का बहुत लुत्फ ले रहा हूं। प्रक्रिया अच्छी चल रही है। आप मेहनत करोगे तो मौके बनने लगते हैं। छह महीने में दो आइपीएल हैं। आगे लगातार टी-20 विश्व कप भी हैं। ऐसे में अगर मैंने आइपीएल या उत्तर प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया तो मुझे लगता है कि मौके बनेंगे।
दो-तीन साल जो भी क्रिकेट होगा मैं लुत्फ लेकर खेलना चाहता हूं। मुझे लगता है कि मेरे पास यह बड़ा मौका है। मैं मेहनत करूंगा, बाकी तो भगवान के हाथों में है। दम लगा रहा हूं और आगे भी करूंगा। मैं यह नहीं कहना चाहता खुद से कि मेहनत में कमी रह गई। मैं अपनी ओर से पूरी मेहनत करना चाहता हूं और तब उसे परिणाम में बदलना चाहता हूं। निश्चित तौर पर वह संन्यास के कोई मूड में नहीं थे लेकिन धौनी के संन्यास लेने के तरीके ने उन्हें भावुक कर दिया। वह धौनी के साथ ही थे और ऐसे में खुद को रोक नहीं पाए।