खरीफ फसलों की बुवाई में 2.2% वृद्धि, धान की बोआई में मामूली कमी
देश में इस साल खरीफ फसलों (kharif crop) की बुवाई में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। चालू सीजन में अब तक खरीफ फसलों की बुवाई 800 लाख हेक्टेयर को पार कर गई है। दलहन, तिलहन, मोटे अनाज की बुवाई में इजाफा हुआ है। हालांकि इस सीजन की सबसे बड़ी फसल धान की बुवाई में हल्की गिरावट देखने को मिली है। अब तक 215.97 लाख हेक्टेयर में धान बोया गया है, जो पिछले सीजन की समान अवधि के 216.39 लाख हेक्टेयर से थोड़ा कम है। इस साल कपास की बुवाई 6.87 फीसदी घटकर 105.73 लाख हेक्टेयर रह गई।
खरीफ फसलों का रकबा बढ़ा
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (Department of Agriculture and Farmers Welfare) के आंकड़ों के अनुसार 26 जुलाई तक 811.87 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 793.63 लाख हेक्टेयर था। इस तरह चालू खरीफ सीजन में अब तक खरीफ फसलों का रकबा 2.29 फीसदी बढ़ा है।
दलहन फसलों का रकबा
26 जुलाई तक दलहनी फसलों (pulse crop) का रकबा 102.03 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया, जो पिछली समान अवधि के रकबा 89.41 लाख हेक्टेयर से अधिक है। अरहर की बुवाई पिछले साल के 28.73 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 38.53 लाख हेक्टेयर और मूंग की 27.01 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 30.37 लाख हेक्टेयर हो गई, जबकि उड़द की बुवाई पिछले साल के 23.86 लाख हेक्टेयर से घटकर 23.12 लाख हेक्टेयर रह गई।
तिलहन फसलों की बुवाई में वृद्धि
देश में अब तक 171.67 लाख हेक्टेयर में तिलहन फसलें बोई जा चुकी हैं, जो पिछले साल इसी अवधि में 165.37 लाख हेक्टेयर में बोई गईं तिलहन फसलों से 3.80 फीसदी ज्यादा है। इस दौरान इस सीजन की सबसे बड़ी तिलहन फसल सोयाबीन का रकबा 121.73 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया, पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 116.99 लाख हेक्टेयर था। इस सीजन में मूंगफली का रकबा पिछले साल के 36.08 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 41.03 लाख हेक्टेयर हो गया। तिल का रकबा पिछले साल के 8.94 लाख हेक्टेयर से घटकर 7.32 लाख हेक्टेयर रह गया।
मोटे अनाजों की बुवाई
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 26 जुलाई तक मोटे अनाजों की 153.10 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि में 145.76 लाख हेक्टेयर में हुई बुवाई से 5 फीसदी ज्यादा है। मोटे अनाजों में मक्का का रकबा 13.61 फीसदी बढ़कर 78.80 लाख हेक्टेयर हो गया। हालांकि इस साल मोटे अनाजों में मक्का के बाद दूसरी बड़ी फसल बाजरा की बुवाई 6.83 फीसदी घटकर 56.46 लाख हेक्टेयर रह गई।