18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन: पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

कार्यक्रम में 70 से अधिक देशों के 3,000 हजार प्रवासी भारतीय (एनआरआई) भाग ले रहे हैं, जो भारत की आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यटन विकास में अपने योगदान पर चर्चा करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने भारत की वैश्विक भागीदारी के बढ़ते महत्व और देश के भविष्य को आकार देने में प्रवासी समुदाय की भूमिका पर भी बात की। जानकारी के मुताबिक, 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कार्यक्रम के समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगी। सम्मेलन में भाग लेने के लिए 50 से अधिक देशों से बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों ने पंजीकरण कराया है।

प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई
इसके साथ ही एक दिवसीय यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। यह प्रवासियों भारतीयों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन है, जो दिल्ली के निजामुद्दीन से रवाना होगी और तीन सप्ताह की अवधि के लिए पर्यटन और धार्मिक महत्व के कई स्थलों की यात्रा करेगी।

बता दें कि यह भारत सरकार का प्रमुख आयोजन है, जिसमें भारतीय प्रवासियों को जुड़ने और उन्हें एक-दूसरे के साथ बातचीत करने में सक्षम बनाने के लिए एक मंच प्रदान किया जाता है। इसका थीम विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान है।

70 देशों के 3,000 एनआरआई ले रहे भाग
कार्यक्रम में 70 से अधिक देशों के 3,000 हजार प्रवासी भारतीय (एनआरआई) भाग ले रहे हैं, जो भारत की आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यटन विकास में अपने योगदान पर चर्चा करेंगे। इसमें विकसित भारत का विजन भी शामिल होगा। त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू सम्मेलन की मुख्य अतिथि हैं। वह वर्चुअली सम्मेलन को संबोधित करेंगी।

बता दें कि ओडिशा में पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन हो रहा है। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

समापन सत्र में प्रवासी भारतीय पुरस्कार प्रदान करेंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन के समापन सत्र में प्रवासी भारतीय पुरस्कार प्रदान करेंगी। इन पुरस्कार विजेताओं में वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपने अद्वितीय योगदान से प्रवासी भारतीय समुदाय का नाम रोशन किया है। इस साल प्रवासी भारतीय सम्मान के लिए 27 विभूतियों का चयन हुआ है। विदेश में रहने वाले भारतीयों को दिए जाने वाले इस सर्वोच्च सम्मान के लिए चुनी गई ये हस्तियां 23 देशों में रहती हैं। इनका शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवसाय समेत कई अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान है।

पुरस्कार समिति ने की थी नामों की सिफारिश
इसमें से कुछ प्रमुख नामों में ब्रिटेन से बैरोनेस उषा कुमारी पराशर (राजनीति में), अमेरिका में डॉ. शर्मिला फोर्ड (समुदाय सेवा में) शामिल हैं। इसके अलावा कुछ संस्थाओं को भी यह सम्मान दिया जाएगा। प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (2025) के लिए नामों की सिफारिश ज्यूरी-कम-अवॉर्ड कमेटी ने सिफारिश की थी। यह पुरस्कार विदेश में रहने वाले भारतीयों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है।

Back to top button