राहुल गांधी 18 फरवरी को चुनाव प्रचार के क्रम में पहुचेंगे रायबरेली|

कांग्रेस उपाध्यक्ष जा रहे हैं। वहां उनकी एक जनसभा प्रस्तावित है, लेकिन इससे पहले उठ रहे सवालों ने कांग्रेस उपाध्यक्ष को सकते में डाल दिया है।
दरअसल, रायबरेली की ऊंचाहार सीट से सपा के विधायक मनोज पांडे चुनाव मैदान में हैं। मनोज के प्रतिद्वंदी के रूप में कांग्रेस का उम्मीदवार कड़ी चुनौती दे रहा है। इसी तरह से अमेठी से गायत्री प्रजापति और गौरी गंज से राकेश प्रताप सिंह साइकिल चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में हैं। इनके विरुद्ध कांग्रेस प्रत्याशियों ने भी ताल ठोंक रखी है। कांग्रेस मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक तीन सीटों ने राहुल, सोनिया और प्रियंका को असमंजस में डाल दिया है।

इसके चलते प्रियंका गांधी ने अमेठी-रायबरेली के दौरे को जहां दो-तीन दिन के लिए टाल दिया है, वहीं 20 फरवरी को सोनिया गांधी की अमेठी जाकर चुनाव प्रचार करने की योजना पर विचार हो रहा है। वैसे भी कांग्रेस अध्यक्ष का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसलिए वह पूरे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया को केवल अपने आवास से ही मॉनिटर कर रही हैं। यही स्थिति प्रियंका के भी सामने है।

अखिलेश यादव, राहुल गांधी

क्या है असमंजस

प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन है और पार्टी के प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। ऐसे में पार्टी के नेताओं के पक्ष में प्रचार से ये साथ(राहुल-अखिलेश) पसंद है की थीम को करारा झटका लगेगा। शीर्ष नेता ऐसे में गठबंधन के पक्ष में प्रचार करें या फिर पार्टी के प्रत्‍याशी के पक्ष  में।

पार्टी रणनीतिकारों को आशंका है कि इसका विरोधी दल लाभ उठाकर हमले तेज कर देंगे। जिसका असर अमेठी-रायबरेली की आस-पास की सीटों पर पड़ सकता है।

दूसरा बड़ा असमंजस सपा, कांग्रेस के उम्मीदवारों की आपसी लड़ाई में पार्टी की उम्मीदवार की कमजोर स्थिति है। इसके चलते कांग्रेस के प्रत्याशियों की हार के बाद इसका ठीकरा प्रियंका या राहुल पर फूटने का डर रहेगा।

बदलेगी रणनीति

प्रियंका गांधी का कार्यालय प्रचार के लिए प्रियंका को अमेठी और रायबरेली भेजने के पक्ष में है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी चाहते हैं कि प्रियंका एक बार राज्य में चुनाव प्रचार का दौरा जरूर करें। भले ही यह एक-दो दिन का क्यों न हो।

इससे प्रियंका की छवि बनी रहेगी। वहीं प्रियंका बड़े असमंजस में हैं। प्रियंका को 14 फरवरी को दौरे पर आना है लेकिन उन्होंने अपने दौरे को हरी झंडी नहीं दिखाई है। सूत्र बताते हैं कि प्रियंका को अपनी रणनीति बदलनी पड़ रही है। माना जा रहा है कि अब वह अमेठी और रायबरेली में जाएंगी तो जनसभा या प्रचार से दूरी बनाकर केवल कांग्रेस के नेताओं, कार्यकर्ताओं से मिलेंगी।

जनता के बीच में जाएंगी लेकिन प्रचार को लेकर बहुत सीमित रहेंगी। ताकि सांप मर जाए और लाठी भी न टूटे। वहीं सोनिया गांधी के प्रचार को लेकर कहा जा रहा है कि वह कांग्रेस को मजबूत बनाने की अपील करेंगी। 

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