18 अक्तूबर को प्रदेश भर में सड़क पर उतरेंगे राज्य कर्मचारी, इन बातों से हैं नाराज; सीएम से की ये मांग

यूपी में लंबित मांगों पर कार्यवाही न होने से नाराज राज्य कर्मचारियों ने प्रदेश भर में 18 अक्तूबर को प्रदर्शन का एलान किया है। कर्मचारियों की उपेक्षा के विरोध में विधान सभा पर भी प्रदर्शन करने की बात कही। उन्होंने दशहरा से पहले कर्मचारियों का वेतन महंगाई भत्ता व बोनस देने की मांग की है।

उत्तर प्रदेश में राज्य कर्मचारियों की उपेक्षा व लंबित मांगों पर कार्यवाही न होने से नाराज राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आंदोलन की घोषणा की है। इसके तहत 18 अक्तूबर को प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे।

परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने पदाधिकारियों की बैठक में रविवार को इसके लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 18 माह से मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव कार्मिक के स्तर पर कोई वार्ता नहीं हुई है, जिसके कारण कर्मचारियों की मांगे ठंडे बस्ते में चली गई हैं। विभागों में भी अधिकारी, कर्मचारियों की मांगों के प्रति उदासीन रवैया बनाए हुए हैं।

उन्होंने कहा कि खाद्य रसद विभाग में नीति विरुद्ध किए गए पदाधिकारियों के स्थानांतरण अभी तक निरस्त नहीं किए गए हैं। समाज कल्याण विभाग व जनजाति विभाग में 60% औसत परीक्षा परिणाम को मनमाने तरीके से लागू करते हुए दर्जनों शिक्षकों को नौकरी से हटा दिया गया है। विभिन्न विभागों में खाली पदों को नहीं भरा जा रहा है। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए निगम तो बन गया, लेकिन विभागों में उसका क्रियान्वयन नहीं हो रहा है।

मुख्यमंत्री को दोबारा पत्र लिखकर मांगों का संज्ञान लेने की मांग की
परिषद की महामंत्री अरुणा शुक्ला ने बताया कि परिषद ने मुख्यमंत्री को फिर से पत्र लिखकर कर्मचारियों की प्रमुख मांगों का संज्ञान लेने, दशहरा एवं दीपावली पर्व से पूर्व वेतन का भुगतान करने, महंगाई भत्ते की किश्त भुगतान करने व कर्मचारियों को बोनस देने की मांग किया है। बैठक में उपाध्यक्ष त्रिलोकी नाथ चौरसिया, डीके त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button