राजौरी में रहस्यमयी बीमारी से अब तक 17 की गई जान
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बडाल में एक रहस्यमयी बीमारी ने कहर बरपाया हुआ है। इस रहस्यमयी बीमारी के कारण अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है।
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (जी.एम.सी.) राजौरी के प्राचार्य डॉ. अमरजीत सिंह भाटिया ने बताया कि सभी मृतकों में एक समान लक्षण पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन मौतों का मुख्य कारण दिमाग और नर्वस सिस्टम का नुकसान है।
डॉ. भाटिया ने जानकारी दी कि चंडीगढ़ और लखनऊ की फॉरेंसिक टीमें और केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीमें इस बीमारी की जांच में जुटी हुई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जी.एम.सी. राजौरी में भर्ती मरीजों में से कुछ मरीज ठीक हो चुके हैं। उन्होंने प्रभावित मरीजों की सीटी स्कैन सहित अन्य जांचें की हैं। हालांकि, दिमाग के प्रभावित होने के बाद रिकवरी काफी मुश्किल हो जाती है।
राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बीमारी का कारण कोई वायरस या संक्रमण नहीं है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने बडाल दौरे के दौरान कहा कि स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभाग मिलकर इस बीमारी के कारणों का पता लगाने में जुटे हुए हैं।
डॉ. भाटिया ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि वे जल्द ही बीमारी के कारणों का पता लगाने और लोगों को जागरूक करने का प्रयास करेंगे। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे एक-दूसरे के साथ भोजन साझा न करें।
बडाल पीड़ितों के सक्रिय संपर्कों को एहतियाती कदम के रूप में राजौरी के सरकारी नर्सिंग कॉलेज में स्थानांतरित किया गया है। प्रशासन ने यह कदम प्रभावित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया है। संबंधित स्वास्थ्य विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है।
बनाए गए कंटेनमेंट ज़ोन
जिला मजिस्ट्रेट राजौरी ने बडाल गांव को कंटेनमेंट ज़ोन घोषित कर दिया है और बी.एन.एस.एस. के तहत धारा 163 लागू है I प्रभावित परिवारों के घर सील कर दिए गए हैं और उनके नजदीकी संपर्कों को जी.एम.सी. रजौरी में निगरानी के लिए भर्ती किया गया है। जम्मू के डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार और ए.डी.जी.पी. आनंद जैन ने कोटरंका इलाके का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है।