166 साल में पहली बार यह हुआ कि, रेलवे के सफर में नहीं हुआ…

भारतीय रेलवे में देश की बहुत बड़ी आबादी रोजाना सफर करती है। रेलवे के लिए साल 2019 इस लिहाज से बेहद खास रहा है कि इस पूरे साल के दौरान रेल हादसे की वजह से किसी की जान नहीं गई है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस पर खुशी जताते हुए एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा ‘सेफ्टी फर्स्ट: 66 साल में पहली बार, चालू वित्त वर्ष में भारतीय रेल में एक भी यात्री की मौत नहीं हुई है।’ नवंबर में ही रेल मंत्रालय ने दावा किया था कि सुरक्षा में सुधार के लिए रेल पटरियों को आधुनिक बनाया जा रहा है। बता दें कि देश में 1853 में पहली बार मुंबई से ठाणे के बीच ट्रेन चली थी, तब से लेकर अब तक 166 में पहली बार यह हुआ है कि जब किसी रेल हादसे में यात्री की जान नहीं गई है।

रेलवे करने जा रहा यह सुधार

रेलवे रेल पटरियों को आधुनिकता देने जा रहा है। इसके लिए कांक्रीट से बने स्लीपर और 60 किग्रा, 90 किग्रा या उच्च भार वाली रेल पटरियों यानी अल्टीमेट टेंसिल स्ट्रेंथ का इस्तेमाल किया जा रहा है। पीएससी स्लीपर की डिजाइन में बदलाव कर उसे पंखे के आकार का बनाया गया है। पहले से लगी पटरियों को बदलने के साथ ही पुलों पर लोहे के चैनल स्लीपर लगाए जा रहे हैं।

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रेल मंत्रालय की ओर से यह भी जानकारी दी गई कि रेल पटरियों में दरार या खराबी का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। खराब होने वाली पटरियों को समय रहे बदला जा रहा है। इससे रेल हादसे और ट्रेन के पटरियों से उतरने की घटनाएं लगभग खत्म हो गई हैं और सुरक्षा में भी सुधार हुआ है।

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