कानपुर से भाऊपुर रेलवे लाइन तक 15 स्थान असुरक्षित, सुबह-दोपहर व रात में पेट्रोलिंग शुरू

उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत कानपुर से भाऊपुर के बीच रेलवे लाइन पर 15 स्थान बेहद असुरक्षित और अतिसंवेदनशील हैं। यहां अराजकतत्वों और अपराधियों के किसी भी तरह की घटना को अंजाम देने की आशंका सबसे ज्यादा है। इसकी वजह से सुबह, दोपहर और देर रात में ट्रैक की पेट्रोलिंग शुरू करा दी गई है।

नजर रखने के लिए रेलवे के ट्रैकमैन और तकनीकी स्टाफ की मदद भी ली जा रही है। इसी तरह इज्जतनगर, झांसी और लखनऊ मंडल की ओर से भी ट्रैक की निगहबानी तेज कर दी गई है। कानपुर से कासगंज, झांसी और लखनऊ जाने वाली रेलवे लाइन के असुरक्षित स्थानों की पहचान कर पेट्रोलिंग कराई जा रही है।

कानपुर परिक्षेत्र में 37 दिनों के अंदर झांसी रूट पर भीमसेन स्टेशन के पास, कासगंज रूट पर बर्राजपुर स्टेशन के पास और हावड़ा रूट पर प्रेमपुर स्टेशन की लूप लाइन ट्रेन पलटाने के प्रयास हो चुके हैं। पिछले दो महीने के अंदर देशभर में रेलवे ट्रैक पर बोल्डर, रॉड और गैस सिलिंडर रखने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

स्पेशल ट्रेन परख से निरीक्षण किया था
पुलिस, आरपीएफ, एनआईए, एसटीएफ समेत अन्य जांच एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं। इन मामलों के सामने आने के बाद बुधवार को प्रयागराज मंडल के डीआरएम हिमांशु बडोनी, पुलिस आयुक्त अखिल कुमार सिंह, आरपीएफ कमांडेंट विजय प्रकाश पंडित और अन्य अधिकारियों ने स्पेशल ट्रेन परख से कानपुर परिक्षेत्र का निरीक्षण किया था।

15 स्थान असुरक्षित और अतिसंवेदनशील माने गए
उन्होंने कानपुर से झांसी, लखनऊ, दिल्ली, हावड़ा रूट का जायजा लिया। रेलवे लाइन किनारे बसी अवैध बस्तियों, आरओबी, आरयूबी, अतिक्रमण, रेलवे क्रॉसिंग का सुरक्षा और तकनीकी रूप से आकलन किया। एनसीआर रेलवे के अंतर्गत आने वाले कानपुर क्षेत्र की प्रारंभिक रिपोर्ट बनी, जिसमें 15 स्थान असुरक्षित और अतिसंवेदनशील माने गए हैं।

यहां भी कुछ स्थान असुरक्षित
दिल्ली-हावड़ा वाया कानपुर, कानपुर-भीमसेन, कानपुर-कासगंज, कानपुर-लखनऊ रेलवे लाइन पर असुरक्षित प्वाइंट्स चिह्नित किए गए हैं। यह राष्ट्रीय राजमार्ग, घनी बस्ती और सुनसान जगह पर बने हुए हैं, जहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

सिर्फ कानपुर ही नहीं गाजियाबाद से मुगलसराय के बीच कई अतिसंवेदनशील और असुरक्षित स्थान चिह्नित किए गए हैं। यहां पर रेलवे स्टाफ, आरपीएफ, जीआरपी की पेट्रोलिंग शुरू हो गई है। पुलिस से भी सहयोग लिया जा रहा है। सुबह, दोपहर, रात में अलग अलग टीमें निगरानी कर रही हैं।  -शशिकांत त्रिपाठी, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी उत्तर मध्य रेलवे

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