15 अगस्त तक जारी होंगे शिक्षक भर्ती के विज्ञापन, syllabus में जुड़ेगा स्किल डेवलपमेंट


ये भी पढ़े: यूपी: कैदियों को 5 रु. में 1 टाइम का खाना, 28 साल से चला आ रहा ये बजट
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए 15 अगस्त तक समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा। शिक्षकों के पद खाली होने से विश्वविद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
इसलिए कुलपतियों को अपने-अपने यहां पद भरने के लिए कहा गया है। साथ ही तय हुआ कि आगामी सत्र से सभी मार्क्सशीट ऑनलाइन करा ली जाएं। सम्मेलन में राज्यपाल व कुलाधिपति राम नाईक, मंत्री एसपी सिंह बघेल व राज्यमंत्री संदीप सिंह के अलावा प्रदेश के 36 में से 32 विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए।
इन मुद्दों पर भी बनी सहमति
– शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए कुलपति की अगुवाई में बनेगी समन्वय समिति।
– विश्वविद्यालय व महाविद्यालय में क्षेत्रीय भाषा व विदेशी भाषा की पढ़ाई की व्यवस्था शुरू की जाएगी।
– परीक्षा में सब्जेक्टिव के साथ-साथ ऑब्जेक्टिव प्रश्न भी पूछे जाएंगे।
– ई-यूनिवर्सिटी नाम से बनेगा पोर्टल, इसमें सभी राज्य विश्वविद्यालय किए जांएगे शामिल।
– रिसर्च के लिए स्टेट लेवल एलिजिबिलिटी टेस्ट हो सकता है शुरू।
कुलपतियों ने मांगा ग्रेड 3 के पदों की भर्ती का अधिकार। अभी ये भर्तियां अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से होती हैं।
– शिक्षकों के लिए शुरू हो सकता है वीआरएस।
– शुल्क देकर छात्र अपनी आंसर शीट की फोटोकॉपी ई-मेल पर ले सकेंगे।
– अगले साल से 10 जुलाई से पहले खुलेंगे सभी विश्वविद्यालय, 15 जून तक सभी रिजल्ट होंगे घोषित।
– डेयरी डवलपमेंट पर बीटेक पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार।
– चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम सभी विश्वविद्यालयों में लागू किया जाए।
वहीं, शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए छात्रों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सरकार का मानना है कि इससे शोध कार्यों की गुणवत्ता बढ़ेगी। प्रोत्साहन राशि तय करने का अधिकार कुलपतियों को दे दिया गया है। शोध पत्रों को शोध गंगा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
छात्रसंघ चुनाव पर नहीं बनी सहमति
सम्मेलन में ज्यादातर कुलपति छात्रसंघ चुनाव कराने के पक्ष में नहीं दिखे। कुलपतियों ने छात्रसंघ के अलग-अलग मॉडल पेश किए। कुछ कुलपतियों ने कहा कि अभी उनके यहां प्रवेश प्रक्रिया ही पूरी नहीं हुई है, ऐसे में छात्रसंघ पर क्या निर्णय लिया जाए।
नकल रोकने के लिए नियमावली होगी जारी
विश्वविद्यालयों में नकल रोकने के लिए नियमावली जारी की जाएगी। खासतौर पर सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में परीक्षा में सेल्फ सेंटर नहीं रखे जाएंगे। प्रबंध समिति परीक्षा के दिनों में महाविद्यालय से 200 मीटर दूर रहेगी। सभी कमरों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि शासन की ओर से स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। शासन ने उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में संशोधन के लिए समिति का गठन किया गया। यह जल्द ही विभिन्न पहलुओं की समीक्षा कर संशोधित अधिनियम का प्रस्ताव राज्य सरकार को देगी।
राज्यपाल बृहस्पतिवार को कुलपति सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह शुभ संकेत है कि तीन वर्षों के प्रयास के बाद उच्च शिक्षा की गाड़ी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है। सभी दीक्षांत समारोह भारतीय परिधान के साथ समय पर कराए गए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों पर यथाशीघ्र तैनाती की जाए। प्रदेश के पांच नवगठित विश्वविद्यालयों में परिनियमावली अभी तक जारी नहीं हुई है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सात राज्य विश्वविद्यालयों की परिनियमावली को अनुमोदन अभी नहीं दिया गया है। इसे जल्द जारी कराया जाए।
स्ववित्तपोषित योजना के तहत उन्हीं पाठ्यक्रमों को संचालित किया जाए जिनकी मार्केट में डिमांड हो। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि छात्रसंघ चुनाव कराए जाने के लिए विश्वविद्यालय अपेक्षित कार्यवाही करें।
सीएम ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रदेश के विकास के लिए कुछ नया काम करें ताकि बाहर के लोगों की जरूरत न पड़े। सीएम ने इस बात पर चिंता जताई कि देश के 100 विश्वविद्यालयों की सूची में यूपी का कोई भी विवि नहीं है। उन्होंने अगले वर्ष तक इसमें सुधार की अपेक्षा जताई है।
कुलपतियों का कार्यकाल बढ़ाने पर सरकार करेगी विचार
डॉ. शर्मा ने बताया कि सम्मेलन में कुलपतियों का कार्यकाल तीन साल से बढ़ाकर पांच साल करने तथा शिक्षकों के रिटायरमेंट की उम्र 62 से 65 साल करने पर सहमति जताई गई। हालांकि इस पर अंतिम फैसला सरकार करेगी।
कॉमर्स व मैनेजमेंट के कोर्स में शामिल होगा जीएसटी
प्रदेश सरकार विश्वविद्यालयों में कॉमर्स व मैनेजमेंट के पाठ्यक्रम में जीएसटी को एक विषय के रूप में शामिल करने जा रही है। इस पर कुलपति सम्मेलन में भी सहमति बन गई है। डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी के अवसर पर प्रत्येक विश्वविद्यालय में जीएसटी पर सेमिनार का भी आयोजन किया जाएगा।





