दुष्कर्म में मप्र टॉप पर, हत्या में यूपी, पश्चिम बंगाल में घरेलू हिंसा सबसे ज्यादा
भोपाल।गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की “क्राइम इन इंडिया-2016’ रिपोर्ट जारी की। इसके अनुसार वर्ष 2016 में उत्तरप्रदेश में हत्या और महिलाओं के खिलाफ हिंसा एवं अपराध सबसे ज्यादा हुए हैं। यहां हत्या के 4,889 (16.1%) और महिलाओं के खिलाफ हिंसा व अपराध के 49,262 मामले (14.5%) दर्ज किए गए। वहीं, दुष्कर्म के सबसे ज्यादा 4,882 मामले मध्यप्रदेश में दर्ज हुए, जो कुल घटनाओं का 12.5% है। 2014 और 15 में भी राज्य में दुष्कर्म के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए थे। क्राइम में दिल्ली देश में नंबर 1, बेंगलुरु दूसरे और मुंबई तीसरे पर…
उत्तर प्रदेश 4,816 केस (12.4%) के साथ इस मामले में दूसरे नंबर पर है। रिपोर्ट के अनुसार 2015 की तुलना में पिछले साल अपराध की दर 2.6% बढ़ी है। महिलाओं के खिलाफ अपराध इससे भी ज्यादा 2.9% की दर से बढ़े, जबकि 2015 में 3% कमी आई थी। वहीं दुष्कर्म के मामलों में 12.39% की बढ़ोतरी हुई है। हत्या की दर लगातार दूसरे साल घटी है। 2016 में हत्या 5.2% और 2015 में 5.5% गिरी।
बच्चों, बुजुर्गों के खिलाफ अपराध बढ़े
कैटेगरी | 2015 | 2016 | वृद्धि/कमी |
हत्या | 32,127 | 30,450 | -5.2% |
महिला हिंसा | 3,29,243 | 3,38,954 | +2.9% |
दुष्कर्म | 34, 651 | 38, 947 | + 12.3% |
बाल अपराध | 94,172 | 1,06,958 | + 13.6% |
बुजुर्ग अपराध | 20,532 | 21,410 | + 4.3% |
साइबर अपराध | 11,592 | 12,317 | +6.3% |
प. बंगाल में घरेलू हिंसा सबसे ज्यादा
देशभर में 32.6% महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हुई हैं। सबसे खराब हालत पश्चिम बंगाल की है। यहां 19,302 केस दर्ज किए गए। दूसरे नंबर पर राजस्थान (13,811) और तीसरे पर उत्तरप्रदेश (11,156) रहे। महिलाओं के अपहरण के मामले में तो यूपी पहले नंबर पर है। पिछले साल पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराध के कुल 3,38,954 मामले दर्ज हुए। बाल अपराध में भी उप्र, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की हालत सबसे ज्यादा खराब है। तीनों राज्यों में इसके क्रमश: 15.3%, 13.6% और 13.1% मामले दर्ज हुए।
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19 बड़े शहरों में दिल्ली टॉप पर
19 बड़े शहरों में दुष्कर्म के मामले में दिल्ली 40% के साथ नंबर-1 है। हत्या, अपहरण, अपराध में नाबालिगों की संलिप्तता और आर्थिक अपराध में भी दिल्ली शीर्ष पर है। महिलाओं के खिलाफ हुए कुल अपराध में 33% मामले दिल्ली में और उसके बाद 12.3% केस मुंबई में दर्ज किए गए। आईपीसी के तहत सबसे ज्यादा 38% मामले भी दिल्ली में ही दर्ज हुए।