अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के 14 हजार आवेदक निकले फर्जी, पढ़े पूरी खबर

केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 में छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने वाले छात्रों का बॉयोमीट्रिक सत्यापन कराने के निर्देश सभी राज्यों को दिए थे।
उत्तर प्रदेश में केंद्रीय अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के 14 हजार आवेदक फर्जी निकले हैं। जिन संस्थानों ने इन छात्रों का डाटा अग्रसारित किया, अब उन्होंने ही इन्हें अपना छात्र मानने से इन्कार कर दिया है। राज्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग शीघ्र ही पूरी रिपोर्ट केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय को भेजेगा। इसके बाद संबंधित शिक्षण संस्थानों के खिलाफ भी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 में छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने वाले छात्रों का बॉयोमीट्रिक सत्यापन कराने के निर्देश सभी राज्यों को दिए थे। शुरुआती जांच में गड़बड़ियां मिलने पर यह निर्णय लिया गया था। उत्तर प्रदेश में वित्त वर्ष 2022-23 में 359659 छात्रों ने आवेदन किया था।
राज्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बॉयोमीट्रिक सत्यापन के दौरान 17473 छात्रों का नाम आधार में दिए गए नाम से अलग मिला। 11377 छात्रों का आधार सत्यापन फेल हो गया। 93 आवेदकों की मृत्यु हो गई। मोबाइल नंबर अपडेट होने या नाम बदलने के कारण 8466 आवेदकों का डाटा मिसमैच हुआ। 2510 आवेदनों में आधार का विकल्प नहीं मिला। जबकि, 41468 आवेदकों ने बाहर चले जाने के कारण सत्यापन में रुचि नहीं ली।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि करीब 14 हजार आवेदक फर्जी मिले हैं। इनका सत्यापन न हो पाने की वाजिब वजह संस्थान नहीं बता सके। हालांकि, जांच में पता चला कि इन संस्थानों के लॉग-इन से ही उन 14 हजार छात्रों का डाटा अग्रसारित किया गया था। सबसे ज्यादा फर्जी छात्र बस्ती, महोबा, मुरादाबाद और बिजनौर में मिले हैं।