14 घंटे तक चली भारत-चीन के बीच वार्ता, लेकिन दोनों देशों के बीच सहमति को लेकर…
लद्दाख में सेनाएं पीछे हटाने को लेकर भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की चौथे दौर की वार्ता 14 घंटे तक चली लेकिन दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन सकी है. चर्चा लद्दाख के चुशूल में हो रही थी. दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक मंगलवार सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुई थी और रात 2 बजे तक चली.
चीन गरम से नरम हो गया. लेकिन चीन की चालबाजी वाली फितरत अभी कायम है और इसीलिए चीन के साथ लद्दाख में एलएसी पर तनाव अभी कायम है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत. चीन के अड़ियल रवैये की वजह से चौदह घंटे चली बातचीत में भी ज्यादा प्रगति नहीं हुई.
बातचीत में सहमति नहीं बनने के चलते पैंगोंग से सेना की वापसी का मामला सबसे ज्यादा उलझ गया है. डेपसांग में भारत के गश्ती दल को रोकने पर भी चर्चा हुई. चीन की आर्टिलरी के पीछे हटने का विवाद अभी भी बरकरार है. इस बीच जानकारी मिल रही है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 17-18 जुलाई को लद्दाख के अग्रिम मोर्चे पर जाएंगे.