कालेधन की जाँच पर जवाब न देने वालों को पत्र भेजेगा आयकर विभाग

आयकर विभाग 18 लाख लोगों द्वारा बैंक खातों में जमा की गई 4.5 लाख करोड़ रुपये की संदिग्ध नकदी की जांच करने में जुटा है। जिन लोगों ने विभाग द्वारा भेजे गये एसएमएस व ईमेल का जबाव नहीं दिया है, उन्हें “गैर वैधानिक” पत्र भेजने की तैयारी की जा रही है।

 कालेधन की जाँच पर जवाब न देने वालों को पत्र भेजेगा आयकर विभाग

ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत बैंकों से प्राप्त विशाल आंकड़ों का विश्लेषण करके विभाग को पता चला कि आठ नवंबर के नोटबंदी के बाद पचास दिन की अवधि में दो लाख रुपये से ज्यादा की राशि एक करोड़ से ज्यादा बैंक खातों में जमी की गई। इन खातों में कुल दस लाख करोड़ रुपये जमा हुए। इनमें से विभाग ने पांच लाख रुपये से ज्यादा जमा वाले 18 लाख खाताधारकों से सवाल पूछे गये। उन्हें 15 फरवरी तक विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपना जवाब दाखिल करना था।

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विभाग के इस कदम के बाद सात लाख लोगों ने जवाब दिया। इनमें से अधिकांश ने बैंक खाते में धनराशि जमा करने की बात स्वीकार की। विभाग अब जवाब न देने वालों पर दवाब बनाने के लिए पत्र जारी करेगा और उनसे पोर्टल पर नकदी के स्त्रोत के बारे में जानकारी देने को कहेगा।

एक अधिकारी ने कहा कि विभाग ने जिन 18 लाख लोगों को एसएमएस व ईमेल भेजकर सवाल किये हैं, उनमें से पांच लाख लोग ई-फाइलिंग पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं। विभाग गैर-वैधानिक पत्र जारी करने के बाद ही करदाताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकेगा क्योंकि एसएमएस व ईमेल की कोई कानूनी वैधता नहीं है।

अधिकारी के अनुसार एक करोड़ खातों में जमा दस लाख करोड़ रुपये में से 4.5 लाख करोड़ रुपये विभाग की नजर में संदिग्ध है। इसी वजह से इनके सत्यापन की कार्रवाई शुरू की गई। इन जमाकर्ताओं की जमाराशि उनके पिछले वर्षों के आयकर रिटर्न में घोषित आय से तार्किक नहीं है। विभाग ने फील्ड अधिकारियों को जवाब न देने वाले लोगों के अलावा पोर्टल पर पंजीकरण न कराने वाले लोगों के बारे में सचेत कर दिया है। इन लोगों को पत्र भेजने को कहा गया है।

अधिकारी के अनुसार सात लाख लोगों ने अब तक जवाब दे दिया है। जिन लोगों ने जवाब नहीं दिया है, वे अभी भी जवाब पोर्टल पर दाखिल कर सकते हैं। जो लोग जवाब नहीं देंगे, उन्हें विभाग के पत्र मिलेंगे।

 

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