चुनाव की घोषणा से पहले जम्मू-कश्मीर में पहाड़ियों को 10% आरक्षण
जम्मू -कश्मीर में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से ठीक पहले पहाड़ियों को दस फीसदी आरक्षण दे दिया गया। गुज्जर-बकरवालों को पहले से मिल रहे 10 फीसदी आरक्षण में किसी प्रकार की कटौती नहीं की गई है। इस प्रकार अनुसूचित जनजाति को 20 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
इसके साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का आरक्षण दोगुना करते हुए आठ फीसदी कर दिया गया है। यह फैसला उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में किया गया। इससे पहाड़ी तथा ओबीसी समुदाय के एक बड़ी आबादी को लाभ पहुंचेगा।
प्रदेश प्रशासन ने संसद द्वारा जम्मू -कश्मीर में लागू अनुसूचित जनजाति के आदेश में जोड़ी गई नई जनजातियों के पक्ष में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी है। चार नई जनजातियों में पहाड़ी जातीय समूह, पद्दारी, कोली और गद्दा ब्राह्मण शामिल हैं।
इसके साथ 15 नई जातियों के साथ ओबीसी के पक्ष में आरक्षण को 8 प्रतिशत तक बढ़ाने को मंजूरी दी गई है। सामाजिक-आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग (एसईबीसी आयोग) की सिफारिश के तहत कुछ जातियों के नामकरण और पर्यायवाची शब्द में बदलाव को भी मंजूरी दी गई है।