होलंबी कलां में 11.4 एकड़ में बनेगा देश का पहला ई-कचरा ईको पार्क, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

दिल्ली: उद्योग मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि इस पार्क में सालाना 51,000 टन ई-कचरा 106 श्रेणियों में संसाधित होगा। इससे 350 करोड़ रुपये से अधिक की आय होने की उम्मीद है।

राजधानी के होलंबी कलां में 11.4 एकड़ में देश का पहला ई-कचरा ईको पार्क बनेगा। यहां ई-कचरे को ठिकाने लगाने के साथ ही हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उद्योग मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि इस पार्क में सालाना 51,000 टन ई-कचरा 106 श्रेणियों में संसाधित होगा। इससे 350 करोड़ रुपये से अधिक की आय होने की उम्मीद है।

उद्योग मंत्री ने सोमवार को बताया कि उत्तरी दिल्ली जिले के नरेला सब डिवीजन में करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह पार्क 18 महीनों में तैयार होगा। इसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर बनाया जाएगा। दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डीएसआईआईडीसी) ने इसके लिए निविदा जारी करने का निर्णय लिया है। यह पार्क दिल्ली के 25% ई-कचरे को अगले पांच साल निपटान करेगा।

देश का 9.5% ई-कचरा दिल्ला में निकलता है
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ई-कचरा उत्पादक देश है, जो हर साल 16 लाख टन से ज्यादा कचरा पैदा करता है। दिल्ली इसमें 9.5% का योगदान देता है। मंत्री ने बताया कि इस पार्क में कचरे को रीसाइकिल करने, पुराने सामान को ठीक करने, प्लास्टिक रिकवरी के बाद दिल्ली में सेकंड-हैंड इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार शुरू किया जाएगा। असंगठित क्षेत्र के कामगारों को प्रशिक्षण देकर उन्हें इस काम में लगाया जाएगा।

हम कचरे को संपदा में बदलेंगे : – उद्योग मंत्री
सिरसा ने बताया कि यह सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि दिल्ली के बेहतर भविष्य की तैयारी है। हम कचरे को संपदा में बदलेंगे और साथ ही हजारों लोगों को रोजगार भी देंगें। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली में कचरे को लापरवाही से फेंकने का समय खत्म हुआ। यह पार्क दिल्ली को पर्यावरण, उद्योग और सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएगा।

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