हैदराबाद विवि के पास पेड़ों की कटाई मामले में 16 अप्रैल को सुप्रीम सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी के नजदीक स्थित कांचा गाचाबाउली जंगल में 400 एकड़ जमीन पर पेड़ों की कटाई पर तेलंगाना सरकार से जवाब मांगा है। अब सुप्रीम कोर्ट में 16 अप्रैल को मामले की सुनवाई होगी।
हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास कांचा गचीबावली में पेड़ों की कटाई मामले में 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार से पेड़ों को हटाने की जरूरत को लेकर जवाब मांगा है। बताया जा रहा है कि सरकार सुनवाई के दौरान कोर्ट में जवाब दाखिल करेगी।
शीर्ष अदालत की 16 अप्रैल की वाद सूची के अनुसार मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ करेगी। हैदराबाद विवि के सामने यह मामला न्यायमित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता के परमेश्वर ने उठाया था। कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए तीन अप्रैल को निर्देश दिया था कि अगले आदेश तक राज्य या किसी भी प्राधिकारी द्वारा वहां पहले से मौजूद पेड़ों की सुरक्षा के अलावा किसी भी प्रकार की कोई गतिविधि नहीं की जाएगी।
इसके साथ ही पीठ ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) की रिपोर्ट पर चिंता जताई थी। पीठ ने कहा था कि तेलंगाना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) की रिपोर्ट में चिंताजनक तस्वीर दिखाई गई है। बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं और इसके अलावा बड़ी मशीनरी तैनात की जा रही है, जिससे पहले ही लगभग 100 एकड़ क्षेत्र नष्ट हो चुका है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि क्षेत्र में कुछ संख्या में मोर, हिरण और पक्षी भी देखे गए।
पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह संकेत मिलता है कि वहां एक जंगल था जिसमें जंगली जानवर रहते थे। इस पर कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्य सचिव को कई प्रश्नों के उत्तर देने का निर्देश दिया, जिनमें यह भी शामिल था कि क्या राज्य ने वहां ऐसी विकासात्मक गतिविधियों के लिए पर्यावरण प्रभाव आकलन प्रमाणपत्र प्राप्त किया है। पीठ ने पूछा कि क्या पेड़ों को काटने के लिए वन अधिकारियों या किसी अन्य स्थानीय कानून से अपेक्षित अनुमति ली गई थी? सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति को भी संबंधित स्थल का दौरा करने और 16 अप्रैल से पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।
क्या है पूरा मामला
जिस 400 एकड़ जमीन से पेड़ों को काटा जा रहा है, वह राज्य सरकार की है और सरकार ने इसे तेलंगाना इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉपरेशन को आवंटित की है। तेलंगाना इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉपरेशन ने इस जमीन पर विकास के लिए बीती 30 मार्च से पेड़ों की कटाई शुरू की। जिसका हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों और पर्यावरणविदों ने विरोध शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इससे वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है। हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि यह जमीन उसकी है न कि विश्वविद्यालय प्रशासन की। सरकार कानून के उल्लंघन से भी इनकार कर रही है। इसे लेकर हैदराबाद विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और इससे शैक्षणिक सत्र का नुकसान हो रहा है।