हैदराबाद ब्लास्ट केस, यासीन भटकल सहित चार को मिली फांसी की सजा

हैदाराबाद के दिलसुखनगर ब्लास्ट केस में एनआईए की विशेष अदालत ने सिमी आतंकी यासीन भटकल सहित चार लोगों को फांसी की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने चारों लोगों को घटना का दोषी माना था, जिसके बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुना दिया। बता दें कि लंबे समय से इस मामले की जांच एनआईए कर रही थी। ये पहली घटना है जिसमें एनआईए की जांच के बाद उसकी विशेष अदालत ने सजा सुनाई है।

बताते चलें कि यह पहला मौका है जब किसी मामले में इंडियन मुजाहिदीन के किसी भी आतंकवादी को दोषी ठहराया गया है। 21 फरवरी 2013 को हुए इस ब्लास्ट में 18 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 131 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।

इस ब्लास्ट का मुख्य साजिशकर्ता रियाज भटकल अब भी फरार चल रहा है। एनआईए के अनुसार, रियाज भटकल के निर्देश पर ही हैदराबाद में बम धमाके कराए गए थे। इस मामले में 157 लोगों ने गवाही दी थी और कुल 502 दस्तावेजों की जांच की गई थी।

यासीन भटकल का जन्म 1983 में कर्नाटक के भटकल में हुआ था। उसे मोहम्मद अहमद सिद्धीबप्पा के नाम से भी जाना जाता है। 12 राज्यों की आतंक निरोधी एजेंसियों की चार्जशीट के मुताबिक भटकल देश भर में जर्मन बेकरी सहित कम से कम 10 आतंकी हमलों में शामिल रहा है।

वह दिल्ली के बाजारों में हुए सीरियल ब्लास्ट का भी मास्टरमाइंड रहा। वह मुंबई लोकल, बैंगलोर, जयपुर, वाराणसी, सूरत में हुए बम धमाके का भी आरोपी रहा है। 13 जुलाई, 2011 को मुंबई के ओपेरा हाउस, जावेरी बजार और दादर पश्चिम में हुए तीन सिलसिलेवार बम धमाकों में भी वह आरोपी है।

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