हेमकुंड साहिब आए दो NRI और छह सिख श्रद्धालु गायब

हेमकुंड साहिब की तीर्थ यात्रा पर आए दो एनआरआई समेत आठ सिख श्रद्धालुओं के गायब हो गए। मामले में पुलिस अधिकारियों की घोर लापरवाही उजागर हुई है। चमोली पुलिस द्वारा कई बार डीआईजी आफिस से लिखित अनुरोध के बाद भी गोताखोर नहीं मिल सके।
हेमकुंड साहिब आए दो NRI और छह सिख श्रद्धालु गायब122 दिन का लंबा समय होने के बाद भी पुलिस यह बताने की स्थिति में नहीं है कि गायब श्रद्धालुओं को जमीन निगल गई या आसमान। एनआरआई समेत अन्य के परिजन जानना चाहते हैं कि आखिर उनके साथ क्या हुआ। हालांकि पुलिस अधिकारी यह दावा करने में पीछे नहीं हैं कि लापता श्रद्धालुओं को यहां से लेकर इलाहाबाद तक ढूंढने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी गई है।

हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए दो एनआरआई परमजीत सिंह और हरकेवल सिंह के अलावा अमृतसर के मेहता चौक निवासी कुलवीर सिंह, पाला सिंह, गोरा सिंह, जसवीर सिंह, इकबाल सिंह और महंगा सिंह छह जुलाई को हेमकुंड साहिब के प्रवेश द्वार गोविंदघाट से लापता हो गए थे।

11 जुलाई को उनके गांव के लवप्रीत सिंह ने थाना गोविंदघाट में सभी आठ श्रद्धालुओं की गुमशुदगी दर्ज करा दी। तब से इन श्रद्धालुओं की तलाश चल रही है। पुलिस और आईटीबीपी की टीम ने बद्रीनाथ हाईवे पर विष्णु प्रयाग से गोविंदघाट तक सर्च अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस को हाईवे पर टय्या पुल के पास एक वाहन के टायर के निशान अलकनंदा नदी की ओर जाते मिले। एसडीआरएफ  और पुलिस की टीम की खोजबीन के दौरान नदी किनारे झाड़ी टूटी मिली और इनोवा कार का लोगो और वाइजर  मिला।

श्रद्धालुओं से भरी इनोवा नदी में समाने की अाशंका

थोड़ी दूरी पर एक श्रद्धालु के टरबन का कपड़ा पड़ा मिला था। आशंका जताई गई कि श्रद्धालुओं से भरी इनोवा नदी में समा गई है, मगर पर्याप्त साक्ष्य न मिलने के कारण परिजन अभी यह स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। ठीक इसी तरह कुछ पुलिस अधिकारी इस पूरी घटना को दुर्घटना मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि इनोवा समेत आठ लोगों का इस तरह मय सामान गायब हो जाना उनके गले नहीं उतरता। वे कहते हैं कि आखिर कुछ तो मिलना चाहिए।

अगर पुलिस की आशंका को सही भी माने तो पुलिस की ही लापरवाही है कि वह यह साबित करने में अब तक विफल रही है कि यह दुर्घटना नहीं कोई साजिश है। उल्टे उन्हें तलाशने के  मामले में डीआईजी रेंज आफिस की घोर लापरवाही उजागर हुई है।

पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक चमोली पुलिस ने गोताखोर उपलब्ध कराने के लिए न केवल तीन बार पत्र भेजा बल्कि मौखिक रूप से भी अनुरोध किया, मगर एक भी गोताखोर उपलब्ध नहीं कराया जा सका। पुलिस अधिकारी गायब श्रद्घालुओं के मामले में कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। उनका कहना है कि सिख श्रद्धालुओं को तलाशने के लिए प्रयास लगातार जारी हैं। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने इस मामले को पहले दिन से ही गंभीरता से नहीं लिया था, वरना अब तक सही स्थिति जरूर सामने आ गई होती।

लापता सिख श्रद्धालुओं का पता लगाने के प्रयासों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। श्रद्धालुओं के परिजनों को भी एक बार साथ लेकर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। गैरसैण सत्र समाप्त होने के बाद एक बार फिर नए सिरे से सर्च ऑपरेशन चलाने की तैयारी है। गंगा किनारे यूपी तक मिले लावारिस शवों की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं।
– तृप्ति भट्ट, पुलिस अधीक्षक, चमोली

सिख श्रद्धालुओं की बरामदगी को इलाहाबाद तक टीम गई है। प्रयासों में किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती गई है। गोताखोर की बात तो दूर एसडीआरएफ तक की टीम को सर्च ऑपरेशन के लिए भेजा गया था। पुलिस आगे भी गोताखोर आदि भेजकर ऑपरेशन चलाने की तैयारी में है। पुलिस अफसर लगातार गायब यात्रियों के परिजनों के संपर्क में हैं।
– पुष्पक ज्योति, पुलिस उप महानिरीक्षक

हेमकुंड के गोविंदघाट से गायब हुए आठ सिख श्रद्धालुओं के मामले में चमोली पुलिस से अब तक हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी गई है। नई कार्ययोजना बनाकर श्रद्धालुओं का पता लगाने के प्रयास किए जाएंगे।
– अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था

 
 

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