हार के बाद BJP ने 2019 के चुनाव के लिए भरी हुंकार, कांग्रेस के छुटे पसीने…

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को पांच राज्यों के चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों, सभी प्रदेश अध्यक्षों, सभी प्रदेशों के संगठन मंत्रियों के साथ-साथ सभी प्रदेशों के प्रभारियों, सभी मोर्चों के अध्यक्षों के साथ पांच घंटे की मैराथन बैठक की.

सूत्रों के अनुसार अमित शाह ने बैठक में कहा कि विधानसभा चुनावों के नतीजों से आगे बढ़कर अब पूरी तरह से 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटना होगा. उन्होंने कहा कि लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा हमारा सबसे बड़ा हथियार है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी को अगले चुनाव में जीत दिलाने के लिए मई तक दिन- रात जुटे रहना है.

अमित शाह ने बैठक में यह भी कहा कि केंद्र सरकार की ग़रीब कल्याण योजनाओं को हर व्यक्ति तक पहुंचाना होगा।. जिन राज्यों में हमारी सरकार है, वहां पर सरकार और पार्टी समन्वय के ज़रिये और जिन राज्यों में हमारी सरकार नहीं है, वहां पर पार्टी के सांसद और विधायकों के साथ कोऑर्डिनेशन करके केंद्र सरकार की योजनाओं को ज़मीन पर पहुंचाया जाए. इन योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए विधानसभा स्तर पर अलग-अलग योजनाओं के लिए अलग अलग व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं और उनमें लोगों को जोड़कर सरकार के कामकाज को बताएं.

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बैठक में पिछले लोकसभा चुनाव में जिन सीटों पर बीजेपी दूसरे नंबर पर रही थी, वहां के लिए पार्टी विशेष रणनीति बना रही है. ऐसी लगभग 120 सीटों पर प्रधानमंत्री मोदी भी विशेष ध्यान देंगे और इन सीटों पर पार्टी को संगठन स्तर चुनावी तैयारियों को तेज़ी से शुरू करना चाहिए.

इस बीच, बीजेपी ने 14 दिसंबर से 22 फरवरी तक के अपने संगठनात्मक कार्यक्रमों की घोषणा कर दी है. इस बीच 11-12 जनवरी को दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय परिषद का अधिवेशन होगा.  इस दौरान ही पार्टी के सभी मोर्चों के राष्ट्रीय अधिवेशन और कार्यशालाएं होंगी जिनमें मोदी समेत सभी बड़े नेता भाग लेंगे.

समझा जाता है कि पार्टी नेतृत्व ने सभी प्रदेश अध्यक्षों से जमीनी स्तर पर पार्टी के प्रदर्शन की रिपोर्ट मांगी है. इसमें राजनीतिक चुनौतियों पर जानकारी जुटाने के साथ-साथ संगठन से जुड़ी चीजें और भविष्य के लिए रोड मैप तैयार करने पर भी जोर दिया गया है. आगामी लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी तमाम मुद्दों पर रणनीति तैयार करने में जुट गई है ताकि सत्ता में वापसी कर सके.                                            

उल्लेखनीय है कि यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब बीजेपी को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा है. तेलंगाना में मजबूत ताकत के रूप में उभरने के बीजेपी के प्रयासों को भी झटका लगा है. वहां उसे एक सीट से ही संतोष करना पड़ा जबकि पहले वहां पार्टी की पांच सीटें थीं. मिजोरम में बीजेपी को एक सीट पर जीत मिली है.

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