हार्ट अटैक से कई दिन पहले दिखाई दे सकता है यह एक लक्षण

आए दिन हार्ट अटैक से जुड़े मामले सुनने को मिल जाते हैं। ऐसे में अक्सर लोग मानते हैं कि यह अचनाक ही आता है। लेकिन ऐसा नहीं है। कई बार इसका एक लक्षण (Heart Attack Warning Sign) कई दिनों और हफ्तों पहले से दिखाई देने लगता है, लेकिन लोग इसे अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।

हार्ट अटैक आजकल एक आम समस्या बनती जा रही है। अक्सर लोगों को लगता है कि हार्ट अटैक अचानक और बिना किसी चेतावनी के आता है, लेकिन ऐसा नहीं है। हमारा शरीर कई बार हार्ट अटैक से कई दिन, कई सप्ताह या कई महीने पहले ही संकेत (Heart Attack Symptom) देना शुरू कर देता है।

समस्या यह है कि हम उन चेतावनी को पहचान नहीं पाते या फिर उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। यह संकेत (Warning Sign of Heart Attack) है- सीधा लेटते वक्त सांस लेने में तकलीफ होना। जी हां, अगर आपको लेटने पर सांस फूलने की समस्या होती है, लेकिन बैठ जाने या सिर के नीचे तकिया लगाने से राहत मिल जाती है, तो यह दिल से जुड़ी समस्या का इशारा हो सकता है। इस लक्षण को मेडिकल भाषा में “ऑर्थोपनिया” कहा जाता है। आइए जानें इस बारे में।

सीधे लेटने पर सांस क्यों फूलती है?

जब हम सीधा लेटते हैं, तो हमारे शरीर में जमा हुआ फ्लूइड, जो दिनभर पैरों और टिशूज में इकट्ठा होता है, अचानक से शरीर के ऊपरी हिस्से की ओर सर्कुलेट होने लगता है। हालांकि, एक स्वस्थ दिल इस एक्स्ट्रा ब्लड वॉल्यूम को आसानी से हैंडल कर लेता है।

लेकिन, अगर दिल कमजोर है या उसकी पंप करने की क्षमता कम हो गई है, तो वह इस दबाव को ठीक से झेल नहीं पाता है और ब्लड ठीक से पंप नहीं कर पाता। इसके कारण, यह एक्स्ट्रा फ्लूएड फेफड़ों के आसपास की जगह में इकट्ठा होने लगता है। नतीजा यह होता है कि व्यक्ति को लेटते ही सांस लेने में परेशानी होने लगती है।

हार्ट अटैक से कैसे जुड़ा है यह लक्षण?

ऑर्थोपनिया हार्ट अटैक का सीधा लक्षण नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी छिपी हुई हार्ट कंडीशन का संकेत है जो हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। जब दिल लंबे समय तक कमजोर होता रहता है या कोरोनरी आर्टरीज में ब्लॉकेज के कारण उसे ठीक मात्रा में खून नहीं मिल पाता, तो यह स्थिति विकसित होती है। यह हार्ट फेल्योर का एक क्लासिक लक्षण है, जो आगे चलकर एरिथमिया या हार्ट अटैक का रूप ले सकता है।

इसे अनदेखा करने के जोखिम

इस लक्षण को “बुढ़ापा”, “थकान” या “सामान्य सर्दी-जुकाम” समझकर नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है। दरअसल, ऐसा करने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है, अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है या हार्ट फेल्योर की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

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