हरियाणा में TGT की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक: HSSC की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

कुछ उम्मीदवारों ने अंतिम उत्तर कुंजी पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने आयोग से आपत्तियों के निपटान की मूल रिपोर्ट मांगी तो केवल फोटो स्टेट प्रतियां पेश की गईं।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) को टीजीटी (ट्रेनड ग्रेजुएट टीचर्स) के नियुक्ति पत्र जारी करने रोक लगाने का आदेश दिया है। जस्टिस त्रिभुवन दहिया की खंडपीठ आयोग की कार्यप्रणाली पर कड़ा रुख अपनाते हुए 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पहले यह जुर्माना आयोग के सचिव पर लगा था और उन्हें जेब से भुगतान करने को कहा गया था लेकिन बाद में सचिव को इससे मुक्त कर दिया गया।

आयोग ने एक साल पहले हरियाणा में टीजीटी के विभिन्न विषयों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। परीक्षा लेने के बाद आयोग ने उत्तर कुंजी जारी करते हुए आपत्तियां मांगी। उम्मीदवारों ने निर्धारित समय में आपत्तियां दर्ज करवाईं लेकिन आयोग ने परिणाम घोषित करने के बाद ही अंतिम उत्तर कुंजी अपलोड की।

इसके बाद कुछ उम्मीदवारों ने अंतिम उत्तर कुंजी पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने आयोग से आपत्तियों के निपटान की मूल रिपोर्ट मांगी तो केवल फोटो स्टेट प्रतियां पेश की गईं। इससे नाराज होकर खंडपीठ ने आयोग के सचिव पर 50,000 रुपये जुर्माना लगा दिया। बाद में सचिव ने कोर्ट को बताया कि मूल रिकाॅर्ड अध्यक्ष के पास था। इस पर सचिव को राहत दी गई और आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह यह राशि एक सप्ताह के भीतर जमा करे।

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि 27 जुलाई 2024 को घोषित परिणाम के आधार पर कोई भी नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। विषय विशेषज्ञों की मूल रिपोर्ट पर विस्तृत उत्तर दाखिल करने का निर्देश भी दिया गया है। उत्तर में यह स्पष्ट करना होगा कि विशेषज्ञों की नियुक्ति कैसे की गई, उनकी योग्यता क्या थी और आपत्तियों का किस आधार पर निपटारा किया गया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 मई 2025 को होगी।

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