हरियाणा में 1,200 सांख्यिकीय कर्मियों को लेकर सरकार ने लिया ये फैसला, खर्च किए जाएंगे 18 लाख रूपए

चंडीगढ़:हरियाणा सरकार ने राज्य में डेटा संग्रह, विश्लेषण और रिपोर्टिंग क्षमता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 1,200 सांख्यिकीय सहायकों और अधिकारियों के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम को मंज़ूरी दी है।

यह निर्णय मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में हुई “सांख्यिकीय सुदृढ़ीकरण हेतु सहयोग” (एस.एस.एस.) उप-योजना की राज्य कार्यान्वयन समिति की बैठक में लिया गया।

इस प्रशिक्षण पहल का उद्देश्य एक सशक्त और समन्वित सांख्यिकीय तंत्र का निर्माण करना है, ताकि नीतिगत निर्णय सटीक और समयबद्ध डेटा पर आधारित हों। प्रदेश के हर जिले से लगभग 50 प्रतिभागियों को सांख्यिकीय तकनीकों, डिजिटल डेटा प्रबंधन और विश्लेषण पद्धतियों पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम पर लगभग 18 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें प्रशिक्षण मॉड्यूल, लॉजिस्टिक व्यवस्था और विशेषज्ञ मानदेय शामिल हैं।

मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने कहा कि राज्य के विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर क्षमता निर्माण और अंतर-विभागीय समन्वय बेहद जरूरी है। वित्त विभाग के विशेष सचिव डॉ. जयेंद्र सिंह छिल्लर ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण सर्वेक्षण और अध्ययन किए जाएंगे। इनमें ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकायों से वित्तीय आँकड़ों का संकलन, ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के लिए राज्य-विशिष्ट उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सी.पी.आई.) का संकलन, चारे की फसलों की लागत का आकलन तथा पशुधन उत्पादों के थोक मूल्य आँकड़ों का संकलन शामिल है।

राज्य सरकार शोध की गुणवत्ता को और सुदृढ़ करने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों का भी सहयोग ले रही है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सर्वेक्षण की कार्यप्रणाली पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अर्चना चौधरी के साथ शुरुआती विचार-विमर्श भी किया जा चुका है।

आर्थिक एवं सांख्यिकीय कार्य विभाग (डी.ई.एस.ए.) इस योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। राज्य सरकार ने केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के साथ कुल 5.09 करोड़ रुपये की अनुदान राशि के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

पहली किस्त के रूप में 55.73 लाख रुपये की राशि से राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली को आधुनिक बनाने हेतु कंप्यूटर, प्रिंटर और टैबलेट की खरीद की गई है। दूसरी किस्त के रूप में 13.99 लाख रुपये की राशि नवंबर 2024 में जारी की गई, जिससे डिजिटल अवसंरचना को और सुदृढ़ किया गया है।

मुख्य सचिव ने कहा कि इन प्रयासों से प्रदेश में एक आधुनिक, पारदर्शी और कुशल सांख्यिकीय अवसंरचना के निर्माण में मदद मिलेगी। एस.एस.एस. उप-योजना के अंतर्गत किए जा रहे इन उपायों से विभागों को विश्वसनीय और अद्यतन आँकड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे नीतिगत निर्णयों की गुणवत्ता और जनसेवा की प्रभावशीलता में वृद्धि होगी।

बैठक में आर्थिक एवं सांख्यिकीय कार्य विभाग के निदेशक श्री मनोज कुमार गोयल, अतिरिक्त निदेशक श्री आर. के. मोर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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