हरियाणा में प्रियंका गांधी की रैली: विनेश फोगाट बोलीं- देश छोड़कर जाने का था मन…

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी का आज जुलाना में भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान विनेश फोगाट ने प्रियंका गांधी को गदा भेंट कर सम्मानित किया। रैली को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि बहनों और भाइयों राम-राम। हरियाणा प्रदेश किसानों का प्रदेश है। आठ साल पहले मेरी बेटी 15-16 साल की थी, तब मेरी बेटी हरियाणा के लिए बास्केटबॉल खेली। जब उसको यहां आना था, सर्दी का समय था, मैं चाहती थी कि वह यहां आए। मैं यहां आई, जींद के पास के जगह थी, जहां कोचिंग सेंटर था।

मैं जब कैंप में जाऊंगी तो सबको पता चलेगा कि वह मेरी बेटी है। मैंने दूर ही बेटी को छोड़ दिया। मैंने खेत में एक दादा जी को देखा तो मैं खेत में चली गई उनसे बात करने गई। दादा जी कटाई कर रहे थे। मैंने थोड़ी कटाई उनके साथ कर ली। उन्होंने मेरे को पहचाना नहीं। दादा जी ने कहा कि बेटा चलो घर चलो, कुछ आराम कर लेना। मैं भी उनके साथ घर चली गई। उन्होंने मुझे खाना खिलाया, चाय पिलाया और मेरे को अपना लिया। मुझे भी उनके साथ मैं भी घुल मिल गई। चार घंटे मैं उनके घर रही।

अचानक उनका बेटा आ गया और उन्होंने मेरे को पहचान लिया। तब मुझे बताना पड़ा कि मैं प्रियंका गांधी हूं। तब आसपास के लोगों को पता चला तो काफी लोग आ गए। आज भी दादा जी और उनके बेटे मनोज मुझसे मिलने आते हैं। आज तक उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं मांगा। यही है हरियाणा की संस्कृति और संस्कार। यही हरियाणा की खासियत है। जो आपका प्रदेश है और मेरा परिवार है, हमारा रिश्त बहुत गहरा है।

प्रियंका गांधी ने हमें बहुत हौसला दिया- विनेश 
वहीं, विनेश फोगाट ने कहा कि अपनी इस बहू को बेटी से भी ज्यादा प्यार दिया है, उसके लिए मैं सदा आपकी आभारी रहूंगी। जुलाना की धरती पर एक किस्सा सुनाना चाहती है। मेरी दादी जी बचपन में हमें इंदिरा गांधी के किस्से सुनाया करती थी। बचपन से ही हमारे दिल में इंदिरा गांधी की छवि बस गई थी।

प्रियंका गांधी भी उनकी ही छवि हैं। प्रियंका गांधी इंदिरा गांधी का ही स्वरुप हैं। यह दुर्गा का स्वरुप हैं। प्रियंका गांधी मेरी बड़ी समान हैं। जब हम लोग दिल्ली में धरने पर बैठे थे तो प्रियंका गांधी ने हमें बहुत हौसला दिया। उनका हाथ हमारे सिर पर था, उससे ताकत मिली। आज भी मैं उसी ताकत को महसूस करती हूं। आज जिस संघर्ष पर चल रही हूं, उस संघर्ष में पूरे देश आज हमारे साथ है। जो ऊर्जा आप लोगों ने जो मुझे दी है, कुश्ती के क्षेत्र में जो मान-सम्मान दिया है, मैं उसका विश्वास दिलाकर कहती हूं, आपके दुख-दर्द में हमेशा साथ रहूंगी और दो कदम आपसे आगे रहूंगी। 

एक किस्सा और बताती हैं। यहां पर बड़े भाई दीपेंद्र हुड्डा यहां बैठे हैं। एक रात की बात है, जब हमारा पुलिस के साथ झगड़ा हो गया था, उस समय दीपेंद्र हुड्डा पैदल भागे आए थे और अपनी बहन को ताकत दी थी। जब ऐसे भाई और बहन जिसके साथ खड़े हैं, वह किसी भी संघर्ष में पीछे नहीं हटेंगे। जो कुश्ती के क्षेत्र में मुझे जो आशीर्वाद और प्यार दिया, वह आज भी कायम है।

बुरे लोगों के कारण हमारा कुछ अच्छा नहीं हो सकता- विनेश

जब कुश्ती में हमारे साथ अन्याय हो रहा था तो हमने प्रियंका दीदी से कहा था कि हमारा दिल पूरी तरह से टूट गया है। हमने कहा कि इस देश में रहने का हमारा मन नहीं करता। दीदी ने कहा कि जब उनके पिता के साथ यह दुर्घटना हुई थी, तो उनको भी लगा था कि यह देश उनके साथ न्याय नहीं कर रहा है, लेकिन जब वह देश में निकली तो देश के लोगों ने उनके दर्द को अपना दर्द समझा था।

फोगाट ने कहा कि हमें भी यही लगा था कि बुरे लोगों के कारण हमारा कुछ अच्छा नहीं हो सकता, लेकिन दीदी ने हौसला दिया और देश से इतना प्यार मिला, जो आज तक नहीं मिला। जब तिरंगा हमारे सामने पैरों से रौंदा जा रहा था तो बहुत दुख हुआ था। तब भी प्रियंका गांधी ने ही हमें हौसला दिया था। जब एक कमरे में बंद टूटकर मैं रो रही थी और जब बाहर निकली तो एक दुर्गा का रुप लेकर निकली। इसमें सबसे ज्यादा हाथ प्रियंका दीदी का है।

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