हरियाणा में तीन दिन बारिश का अलर्ट: यमुनानगर इस बार मेघालय का चिरापूंजी बना

हरियाणा का यमुनानगर में इस बार मेघालय का चिरापूंजी बन गया है। यहां इस सीजन अब तक 865 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो सामान्य से करीब 25 फीसदी ज्यादा है। हालांकि यमुनानगर की जलवायु स्थिति ऐसी है कि हर साल यहां पर दूसरे जिलों में मुकाबले ज्यादा बारिश दर्ज की जाती रही है।

हरियाणा में मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। शनिवार को 14 शहरों में बारिश दर्ज की गई। पानीपत में सर्वाधिक 25 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में बताया है कि अगले तीन दिन पूरे हरियाणा में बारिश के हैं। रविवार के लिए ऑरेंज अलर्ट और अगले दो दिन के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। हरियाणा में अब तक मानसून सीजन में 348 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो सामान्य से दस फीसदी ज्यादा है। मानसून सीजन के अभी करीब 15 दिन और बचे हैं। इसमें भी अच्छी बारिश के संकेत हैं।

मौसम विभाग के मीडिया बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटे में करनाल में चार एमएम, नारनौल में 8.5 एमएम, रोहतक में एक एमएम, गुरुग्राम में छह एमएम, कुरुक्षेत्र में एक एमएम, नूंह में 0.5, पानीपत में 25 एमएम, रेवाड़ी में नौ एमएम, रोहतक में एक एमएम, सोनीपत में 14 एमएम, कैथल में एक एमएम, महेंद्रगढ़ में 24 एमएम, पलवल में 2.5 एमएम और सिरसा में एक एमएम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन दिन मानसून पूरा सक्रिय रहने वाला है। उसके बाद यह कमजोर पड़ जाएगा।

यमुनानगर बना हरियाणा का चेरापूंजी, 865 एमएम बारिश
हरियाणा का यमुनानगर में इस बार मेघालय का चिरापूंजी बन गया है। यहां इस सीजन अब तक 865 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो सामान्य से करीब 25 फीसदी ज्यादा है। हालांकि यमुनानगर की जलवायु स्थिति ऐसी है कि हर साल यहां पर दूसरे जिलों में मुकाबले ज्यादा बारिश दर्ज की जाती रही है। यमुनानगर के बाद महेंद्रगढ़ में 566 एमएम बारिश दर्ज हुई है, जो सामान्य से 81 फीसदी ज्यादा है। आमतौर पर महेंद्रगढ़ में मानसून सीजन के दौरान इतनी बारिश नहीं होती है।

वहीं, नूंह में 550 एमएम, झज्जर में 466 एमएम, रेवाड़ी में 463 एमएम और रोहतक में 452 एमएम बारिश दर्ज की गई। कृषि व मौसम विशेषज्ञ डा. बीरेंद्र सिंह लाठर का कहना है कि यमुनानगर नमी वाला इलाका है। इसे हरियाणा का खादर इलाका कहा जाता है। खादर को तराई वाला इलाका माना जाता है। यमुनानगर में एक हजार एमएम से 1200 एमएम बारिश होती रही है। वहीं, महेंद्रगढ़ में कई साल के बाद ज्यादा बारिश देखी गई है। इसकी एक वजह यह है कि मानसून ट्रफ जो बंगाल की खाड़ी से अमृतसर बनती थी, वह इस बार बंगाल से जोधपुर तक 20 जुलाई तक बनी रही है, जिसकी वजह से हरियाणा के दक्षिण इलाकों में ज्यादा बारिश हुई है।

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