हरियाणा में इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम पर पूरी तरह से लगा दिया प्रतिबंध, पढ़े पूरी खबर

हरियाणा में इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ENDS) पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब अगर कोई इस प्रकार से निकोटिन का सेवन करता है तो उसे तीन साल तक की सजा हो सकती है। इससे पूर्व, कुछ महीने पहले तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध के बावजूद E-cigarette और Flavored हुक्के के बढ़ते इस्तेमाल के खिलाफ हरियाणा ने केंद्र में दस्तक दी थी। तंबाकू नियंत्रण बोर्ड को चिट्ठी लिख औषध विभाग ने चीन से पहुंच रहे इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ENDS) की आपूर्ति रोकने का दबाव बनाया था।

राज्य औषधि नियंत्रक नरेंद्र आहूजा ने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कांफ्रेंस में भी यह मुद्दा उठाते हुए युवाओं में E-cigarette के प्रति बढ़ते क्रेज के लिए उन राज्यों को जिम्मेदार ठहराया था, जहां ENDS पर रोक नहीं है। इन्हीं राज्यों से हरियाणा में नशे का सामान पहुंचता है।

शुरुआत में ज्यादातर युवा E-cigarette और ई-हुक्का का इस्तेमाल सेवन केवल दिखावे के लिए करते हैं क्योंकि दुष्प्रचार के चलते उन्हें लगता है कि दूसरे तंबाकू उत्पादों की तुलना में यह कम हानिकारक हैं। एक बार गिरफ्त में आने के बाद वे E-cigarette से सामान्य सिगरेट की तरफ मुड़ जाते हैं।

शोध बताते हैं कि E-cigarette से लोगों में अस्थमा, फेफड़ों की खराबी, हृदय रोग और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां होने का खतरा रहता है। 27 फीसद उत्पादों में एंडोटॉक्सिन पाया गया। यह एक माइक्रोबियल एजेंट है। 81 फीसद उत्पादों में ग्लूकन के कण मिले जो अधिकतर फंगस की कोशिकाओं की दीवारों पर पाया जाता है।पिछले साल केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी करते हुए E-cigarette, ई-शीशा और Flavored हुक्का की बिक्री, उत्पादन और परिवहन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था।

क्या होती E-cigarette

E-cigarette एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक इन्हेलर है जिसमें निकोटीन और अन्य केमिकल युक्त Liquid भरा जाता है। इन्हेलर बैट्री की ऊर्जा से इस Liquid को भाप में बदल देता है जिससे पीने वाले को सिगरेट का अहसास होता है। चीन में वर्ष 2003 में इसे यह सोचकर बनाया गया था कि बिना टॉर या कार्बन के फेफड़े तक कम मात्रा में Nicotine जाएगा। व्यावसायिक फायदे के लिए ऐसे तरीके अपनाए गए, जिससे अधिक मात्रा में Nicotine फेफड़े में जाने लगा।

सुरक्षित नहीं E-cigarette

ज्यादातर E-cigarette में जो केमिकल भरा जाता है वो Liquid Nicotine होता है। Nicotine नशीला पदार्थ है, इसलिए पीने वाले को लत लग जाती है। थोड़े दिन बाद अगर इसे पीना बंद करें तो बेचैनी होने लगती है। Nicotine दिल और सांस के मरीजों के लिए बिल्कुल सुरक्षित नहीं माना जा सकता। इसी तरह हुक्का बार में Flavored E-Liquid होता है जिसका लगातार सेवन शरीर के एंटी बैक्टीरियल सिस्टम को क्षतिग्रस्त कर देता है।

ई-सिगरेट के खतरे

  • युवाओं में ई-सिगरेट तेजी से पॉपुलर हो रहा है
  • ई-सिगरेट को बिल्कुल सुरक्षित नहीं माना जा सकता है
  • ई-सिगरेट में सामान्य सिगरेट की तरह तंबाकू का इस्तेमाल नहीं होता है
  • निकोटिन नशीला पदार्थ है इसलिए पीने वाले को इसकी लत लग जाती है

ई-सिगरेट की क्वाइल में हानिकारक मेटल

ई-सिगरेट के वेपर को गर्म करने के लिए क्वाइल का इस्तेमाल होता है। क्वाइल में निकोटिन, फार्मालडिहाइड, फेनाले, टिन, निकिल, कॉपर, लेड, क्रोमियम, आर्सेनिक एवं डाई एसेटाइल मेटल हैं।

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