हरियाणा में आज बड़ा प्रशासनिक फेरबदल संभव

हरियाणा के एडीजीपी आईपीएस वाई पूरण कुमार के पोस्टमार्टम के लिए देर रात परिवार ने सहमति दी। राज्य की गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने देर रात अमनीत पी कुमार से बातचीत की और राज्य सरकार के आश्वासन से अवगत कराया है।

अमनीत पी कुमार से बातचीत करने से पहले सीएम हाउस में कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, गृह सचिव सुमिता मिश्रा और आईएएस राज शेखर वुंडरू की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बीच बैठक हुई।

सूत्रों का कहना है कि बैठक में तय हुआ है कि राज्य सरकार डीजीपी शत्रुजीत कपूर व रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजाराणिया पर कार्रवाई के लिए तैयार हो गई है। इस बात को अमनीत पी कुमार व उनके परिजनों को अवगत करा दिया गया है।

अब माना जा रहा है कि राज्य में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हो सकता है। उल्लेखनीय है कि सरकार पोस्टमार्टम में अब ज्यादा देरी नहीं चाहती थी। इससे सरकार की मुश्किलें बढ़ रही थी।

एफआईआर में संशोधन पर अड़ा था परिवार
इससे पहले शुक्रवार को पूरण कुमार की पत्नी व परिजनों ने स्पष्ट कर दिया था कि पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार तभी होगा जब एफआईआर में संशोधन डीजीपी शत्रुजीत कपूर व रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजाराणिया का नाम स्पष्ट रूप से शामिल किया जाए और दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

पूरण कुमार के परिवार की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। अमनीत कुमार ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। शुक्रवार को पूरे दिन वाई पूरण के घर पर दलित समुदाय से जुड़े नेता, अधिकारियों व सामाजिक संगठन के लोगों को आना-जाना लगा रहा। उल्लेखनीय है कि

अमनीत पी कुमार के समर्थन में उतरी आईएएस एसोसिएशन
हरियाणा आईएएस अधिकारी संघ ने वाई पूरण कुमार के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। इसके साथ ही उन्होंने अमनीत पी कुमार को समर्थन देते हुए चंडीगढ़ पुलिस और और हरियाणा सरकार से आग्रह किया है कि वे अमनीत कुमार की मांगों को पूरा करे और इस पूरे मामले की गंभीरता, संवेदनशीलता और परिस्थितियों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करे। एसोसिएशन ने कहा कि इस दुख की घड़ी में वे अमनीत के परिवार के साथ एकजुट होकर खड़े हैं। एसोसिएशन ने कहा कि रोहतक में जिस एफआईआर की वजह से यह घटना हुई है, उसकी भी निष्पक्ष, पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए।

एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार से अनुरोध किया है कि वह अमनीत पी. कुमार और उनके परिवार को इस गहन व्यक्तिगत क्षति और संकट की घड़ी में हर संभव सुरक्षा, कानूनी सहायता, संस्थागत समर्थन और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान करे। बैठक के दौरान कुछ आईएएस ने डीजीपी के खिलाफ गुस्सा भी निकाला। उनका कहना था कि जब आईपीएस अफसर अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करते हैं। जब चाहे वे आईएएस अफसरों को उठा लेते हैं। इससे अधिकारियों में डर है और वे काम भी नहीं कर पा रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया, इनमें ज्यादातर वे लोग बोल रहे थे, जिनके खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो में रहते हुए शत्रुजीत ने कार्रवाई की थी। कुछ ने यह भी कहा कि जिन कुर्सियों पर आईएएस को बैठना चाहिए, वहां भी आईपीएस अफसरों को बैठाया गया है। सरकार को इन्हें हटाना चाहिए।

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