हमले के बाद राजस्थान से वापस जा रहे पाकिस्तान विस्थापित! बॉर्डर पर अलर्ट; पांच शहरों में बंद

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की ओर से उठाए गए कड़े कदमों का असर अब पाकिस्तान से धार्मिक यात्रा पर आए हिंदू विस्थापितों पर भी पड़ने लगा है। सरकार द्वारा 23 अप्रैल को जारी निर्देश के अनुसार, भारत में वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। इस फैसले से राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में बसे हजारों पाक हिंदू विस्थापितों में गहरी चिंता और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
जोधपुर में रह रहे ईश्वरदास और उनके परिवार के लिए यह आदेश किसी वज्रपात से कम नहीं है। 27 मार्च को वह वाघा बॉर्डर पार कर 13 परिजनों के साथ हरिद्वार धार्मिक यात्रा पर आए थे और फिर जोधपुर पहुंचे थे। उनका कहना है कि वीजा की वैधता 25 मई तक है, लेकिन अब अचानक मिले देश छोड़ने के आदेश से वे बेहद परेशान हैं। ईश्वरदास का कहना है कि उन्होंने भारत सरकार से वापसी की व्यवस्था कराने की मांग की है ताकि वे बिना किसी परेशानी के पाकिस्तान लौट सकें।
आधे इधर-आधे उधर में बंटा परिवार, टूटा मन
ईश्वरदास के रिश्तेदार मेवाराम ने बताया कि जैसे ही आदेश मिला, परिवार तुरंत वाघा बॉर्डर की ओर रवाना हो गया है। इन विस्थापितों का कहना है कि वे सिंध प्रांत से आए हैं और हरिद्वार में दर्शन के बाद जोधपुर पहुंचे थे। यहां उन्होंने पहले से बसे पाक हिंदू विस्थापितों से मुलाकात की थी, लेकिन आतंकी घटना के बाद सरकार द्वारा अचानक दिए गए आदेश से वे उलझन में पड़ गए हैं। उनका कहना है कि अब जो भी पाकिस्तानी वीजा पर भारत में मौजूद हैं, उन्हें 48 घंटे में देश छोड़ना होगा, जिससे उनका जीवन एक बार फिर अनिश्चितताओं में डूब गया है।
‘पीड़ा को समझे सरकार’
पाक हिंदू विस्थापितों की पीड़ा को समझते हुए सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में राजस्थान और गुजरात से सैकड़ों फोन कॉल्स उन्हें मिले हैं, जिनमें लोगों ने अपने डर, चिंता और असमर्थता को साझा किया है। उनका कहना है कि ये वे लोग हैं जो धार्मिक उत्पीड़न से त्रस्त होकर भारत आए हैं, और अब उन्हें जबरन वापस भेजे जाने का खतरा सता रहा है।
सोढ़ा ने आग्रह किया है कि धार्मिक आधार पर शरण मांगने वाले हिंदू समुदाय को इस आदेश से छूट दी जाए, क्योंकि वे न तो पाकिस्तान में सुरक्षित हैं और न ही अब भारत में सहज महसूस कर पा रहे हैं। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विस्थापितों को उम्मीद है कि मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उन्हें राहत दी जाएगी।
सीमा क्षेत्रों में हाई अलर्ट, सुरक्षा व्यवस्था सख्त
पहलगाम आतंकी हमले के बाद राजस्थान के सरहदी जिलों विशेषकर बीकानेर, श्रीगंगानगर, खाजूवाला और बज्जू जैसे क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने चौकसी बढ़ा दी है। बीएसएफ और राज्य पुलिस की संयुक्त टीमें दिन-रात गश्त कर रही हैं। बीएसएफ ने तारबंदी के पास अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
बीकानेर बॉर्डर पर हाई अलर्ट, सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद राजस्थान में भारत-पाक सीमा से सटे जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। बीकानेर जिले सहित सरहदी इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों ने विशेष चौकसी शुरू कर दी है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) और राजस्थान पुलिस संयुक्त रूप से इलाके में निगरानी बढ़ा रही हैं।
बीएसएफ ने बीकानेर से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तारबंदी के पास अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है। जवान 24 घंटे गश्त कर रहे हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। वहीं, पुलिस भी सीमावर्ती गांवों और कस्बों में सतर्कता के साथ निगरानी रख रही है।
बीकानेर जिले के अनूपगढ़, खाजूवाला, आनंदगढ़, बज्जू सहित कई संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। खासकर खाजूवाला में हथियारबंद सुरक्षाकर्मी हर आने-जाने वाले वाहन की सघन तलाशी ले रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुलिस लगातार गश्त कर रही है और स्थानीय लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर अफवाहों और भ्रामक जानकारी फैलाने से बचने की हिदायत दी गई है। पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी और लोगों की सतर्कता के चलते अब तक किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है, लेकिन हालात को देखते हुए चौकसी लगातार जारी है।
श्रीगंगानगर के सीमावर्ती क्षेत्र में हाई अलर्ट, कलेक्टर ने की अहम बैठक
राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमावर्ती क्षेत्र में जारी हाई अलर्ट को ध्यान में रखते हुए गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर डॉ. मंजू की अध्यक्षता में एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में नशा मुक्ति केंद्र, वृद्धाश्रम, निराश्रित गृह, होटल एसोसिएशन और कोचिंग संस्थानों के संचालक शामिल हुए।
बैठक के दौरान कलेक्टर डॉ. मंजू ने उपस्थितजनों से राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिगत सजग रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि श्रीगंगानगर सीमावर्ती जिला है, इसलिए यहां विशेष सतर्कता बरतना आवश्यक है। बाहरी व्यक्तियों की पहचान, उनके दस्तावेजों की जांच और संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी अत्यंत जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की सूचना तत्काल प्रभाव से पुलिस को दी जाए और संबंधित रिकॉर्ड भी नियमित रूप से संधारित किया जाए।
कलेक्टर ने होटल और लॉज संचालकों से कहा कि अपने यहां अधिक समय तक रुकने वाले व्यक्तियों की जानकारी पुलिस से साझा करें। उन्होंने ‘नशा मुक्त श्रीगंगानगर अभियान’ की चर्चा करते हुए सभी संस्थानों से बच्चों और युवाओं को नशे से बचाने में सक्रिय सहयोग की अपील की।
बैठक में मौजूद डीआईजी गौरव यादव ने भी सुरक्षा संबंधी उपायों को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि होटल, पीजी, कोचिंग सेंटर, नशा मुक्ति केंद्र और निराश्रित गृहों में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का पुलिस सत्यापन अनिवार्य रूप से करवाया जाए। बिना जांच के किसी को ठहरने की अनुमति न दी जाए, क्योंकि यह आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा दे सकता है।
डीआईजी ने कहा कि आमजन भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देकर पुलिस की मदद कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। इस अवसर पर एडीएम सतर्कता रीना, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक वीरेंद्र पाल सिंह सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
पहलगाम हमले के विरोध में राजस्थान के पांच प्रमुख शहरों में बंद
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के विरोध में आज राजस्थान के पांच प्रमुख शहरों हनुमानगढ़, सीकर, झुंझुनू, कोटा और झालावाड़ में बंद का ऐलान किया गया। इन शहरों में हिंदू संगठनों के आह्वान पर व्यापारी वर्ग ने दुकानें बंद रखीं, जिससे आम जनजीवन पर इसका खासा असर देखने को मिला।
कोटा में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई, वहीं बाजारों और अनाज मंडियों में सन्नाटा पसरा रहा। शहर के प्रमुख स्थानों पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। कोटा के पेट्रोल पंप दो घंटे तक बंद रखे गए। सीकर में कुछ दुकानों को जबरन बंद कराया गया, वहीं मंडावा कस्बे में मेडिकल स्टोर, सब्जी और चाय की दुकानों तक को बंद रखा गया।
इस बंद के माध्यम से लोग आतंकियों और उन्हें पनाह देने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सीकर जिला मुख्यालय पर शाम को आक्रोश रैली निकालने और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी जिला कलेक्टर को सौंपा जाएगा।
बीकानेर में गुरुवार को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जहां लोगों ने कहा कि यह कृत्य मानवता के खिलाफ है और देश इसे कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।
वहीं, अजमेर में मुस्लिम समुदाय ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देते हुए कैंडल मार्च निकाला। राजा साइकिल चौराहे से शुरू हुए इस मार्च में बड़ी संख्या में मुस्लिम नागरिक शामिल हुए और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’, ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए पांच फैसलों की सराहना की और कहा कि देश का मुस्लिम समुदाय आतंकवाद के खिलाफ है और भारत के साथ खड़ा है।