सोनीपत: साहित्यकार डॉ. सतराम देशवाल को मिलेगा पद्मश्री सम्मान

साहित्यकार एवं लेखक डॉ. संतराम देशवाल ने साहित्य के क्षेत्र में भारतीय संस्कृति के साथ हरियाणवी भाषा को सर्वोपरि रखते हुए दो दर्जन से ज्यादा पुस्तकें लिखी हैं व कई पत्रिकाओं का संपादन भी किया। उनकी दूरदर्शन व आकाशवाणी पर कई वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।
साहित्यकार एवं लेखक डॉ. संतराम देशवाल को आज पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा। हरियाणा की साहित्यिक दुनिया के लिए यह दिन गर्व और गौरव का है। उन्हें यह सम्मान दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से प्रदान किया जाएगा।
डॉ. संतराम देशवाल अपने परिवार के साथ दिल्ली रवाना हुए, जहां वह शाम को आयोजित होने वाले अलंकरण समारोह में शामिल होंगे। इस ऐतिहासिक अवसर पर न केवल उनके परिवार, बल्कि हरियाणा के साहित्यिक समाज में हर्ष और उत्साह का माहौल है। डॉ. सतराम देशवाल को यह सम्मान साहित्य के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए दिया जा रहा है। दशकों से वह हरियाणवी भाषा, लोक संस्कृति और जन-सरोकारों को लेकर अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को जागरूक करते आ रहे हैं। उनकी काव्य-रचनाएं, निबंध और लोक शैली में रची गई साहित्यिक कृतियां व्यापक सराहना पा चुकी हैं।
साहित्यकार एवं लेखक डॉ. संतराम देशवाल ने साहित्य के क्षेत्र में भारतीय संस्कृति के साथ हरियाणवी भाषा को सर्वोपरि रखते हुए दो दर्जन से ज्यादा पुस्तकें लिखी हैं व कई पत्रिकाओं का संपादन भी किया। उनकी दूरदर्शन व आकाशवाणी पर कई वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं। 24 अप्रैल, 1955 को झज्जर जिले के गांव खेडक़ा गुज्जर में जन्में डॉ. संतराम देशवाल सोनीपत के छोटू राम आर्य (सीआरए) कॉलेज में साल 1987 में बतौर हिंदी के सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुए। करीब 28 साल तक अध्यापन उपरांत साल 2014 में सेवानिवृत्त हुए थे।
उन्होंने वर्ष 2005 में आंगन में मोर नाचा, किसने देखा पुस्तक लिखी। उन्हें वर्ष 2014 में जनकवि मेहर सिंह पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इनकी लोक आलोक (ललित निबंध) और अनकहे दर्द (कविता) को साहित्य अकादमी ने सर्वश्रेष्ठ पुस्तक पुरस्कार दिया जा चुका है। डॉ. देशवाल को सर्वोत्तम पत्रकारिता सम्मान, लोक शिरोमणि सम्मान, बाल मुकुंद गुप्त साहित्य सम्मान, सर्वोत्तम शिक्षक सम्मान, हिन्दी सहस्त्राब्दी सम्मान, काव्य कलश सम्मान, सोनीपत रत्न सम्मान दिए जा चुके हैं।