सोनाली घोष को मिला आइयूसीएन केंटन मिलर पुरस्कार

डॉ. सोनाली घोष आइयूसीएन विश्व संरक्षण सम्मेलन में डब्ल्यूसीपीए-केंटन मिलर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। उन्हें यह सम्मान राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों की स्थिरता में नवाचार के लिए मिला है। यह पुरस्कार जैव विविधता संरक्षण और पार्क प्रबंधन में उनके योगदान को दर्शाता है, जिसमें स्थानीय समुदायों को शामिल करना और पर्यावरण अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देना शामिल है।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं बाघ अभयारण्य की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. सोनाली घोष अबू धाबी में आयोजित आइयूसीएन विश्व संरक्षण सम्मेलन में राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों की स्थिरता में नवाचार के लिए प्रतिष्ठित डब्ल्यूसीपीए -केंटन मिलर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय बनीं।

यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने दुनियाभर के राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों की दीर्घकालिक स्थिरता में अपना बड़ा योगदान दिया है। डॉ. घोष को यह सम्मान जैव विविधता संरक्षण और राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन में भारत के बढ़ते नेतृत्व को दर्शाता है।

उनका कार्य पार्क प्रबंधन को मजबूत करने, संरक्षण प्रयासों में स्थानीय समुदायों को शामिल करने तथा पर्यावरण अनुकूल पर्यटन माडल को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह पर्यावरण संरक्षण और सतत आजीविका सृजन दोनों को सुनिश्चित करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button