सुसाइड से पहले बेहद नशे में थीं प्रत्यूषा, केमिकल रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा


– प्रत्यूषा के विसरा और यूटरस के सैम्पल को पुलिस ने कलीना फोरेंसिक लैब में भेजा था।
– रिपोर्ट में पाया गया कि प्रत्यूषा की बॉडी में इथाइल एल्कोहल मिला। इसकी क्वान्टिटी 135mg थी।
– इसके ये मायने हैं कि प्रत्यूषा हाई इन्टॉक्सिकेशन की हालत में थीं।
– डॉक्टर्स का कहना है कि शरीर में 30mg से ज्यादा एल्कोहल नहीं होना चाहिए।
– अगर एल्कोहल 100mg के लेवल पर पहुंच जाए तो व्यक्ति ठीक से बोल नहीं पाता। वह भूलने लगता है और बेहोशी की हालत में चला जाता है।
– 135mg के लेवल पर व्यक्ति की मौत होने का जोखिम बढ़ जाता है। वह डिप्रेशन में चला जाता है। उसका खुद पर कंट्रोल नहीं रहता। मुमकिन है कि प्रत्यूषा के केस में भी यही हुआ हो।
– रिपोर्ट में पाया गया कि प्रत्यूषा की बॉडी में इथाइल एल्कोहल मिला। इसकी क्वान्टिटी 135mg थी।
– इसके ये मायने हैं कि प्रत्यूषा हाई इन्टॉक्सिकेशन की हालत में थीं।
– डॉक्टर्स का कहना है कि शरीर में 30mg से ज्यादा एल्कोहल नहीं होना चाहिए।
– अगर एल्कोहल 100mg के लेवल पर पहुंच जाए तो व्यक्ति ठीक से बोल नहीं पाता। वह भूलने लगता है और बेहोशी की हालत में चला जाता है।
– 135mg के लेवल पर व्यक्ति की मौत होने का जोखिम बढ़ जाता है। वह डिप्रेशन में चला जाता है। उसका खुद पर कंट्रोल नहीं रहता। मुमकिन है कि प्रत्यूषा के केस में भी यही हुआ हो।
राहुल ने बताया था- 1 अप्रैल को क्या हुआ था?
– राहुल ने हाल ही में पुलिस पूछताछ में दिए बयान में कहा था, ”प्रत्यूषा और मैं अपने कॉमनफ्रेंड के साथ पार्टी में रहे और रातभर बातचीत की।”
– ”सुबह 8.30 बजे 1 अप्रैल को हमने कुछ खाने का फैसला लिया। अगर हमने घर में ही खाना बनाया होता तो ऐसा कुछ नहीं हुआ होता।”
– ”जब मैं उठा तो प्रत्यूषा नहाने गई थी। इसके बाद वह फिर से ड्रिंक करने लगी।”
– ”उसे शराब पीने की आदत थी। मैंने उसे ऐसा करने से मना किया और खाना लेने बाहर चला गया।”
– ”जब मैं घर लौटा तो पहले बेल बजाई, लेकिन वह ऑफ थी। मेरी चाबी काम नहीं कर रही थी, क्योंकि डबल लॉक था।”
– ”मैंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलने पर मैंने कॉल करना शुरू किया, फिर मैसेज किया।”
– ”मैं नीचे उतर आया। ताला ठीक करने वाले को लाया। हम दूसरी चाबी बनवाने के बारे में सोच रहे थे।”
– ”सुबह 8.30 बजे 1 अप्रैल को हमने कुछ खाने का फैसला लिया। अगर हमने घर में ही खाना बनाया होता तो ऐसा कुछ नहीं हुआ होता।”
– ”जब मैं उठा तो प्रत्यूषा नहाने गई थी। इसके बाद वह फिर से ड्रिंक करने लगी।”
– ”उसे शराब पीने की आदत थी। मैंने उसे ऐसा करने से मना किया और खाना लेने बाहर चला गया।”
– ”जब मैं घर लौटा तो पहले बेल बजाई, लेकिन वह ऑफ थी। मेरी चाबी काम नहीं कर रही थी, क्योंकि डबल लॉक था।”
– ”मैंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलने पर मैंने कॉल करना शुरू किया, फिर मैसेज किया।”
– ”मैं नीचे उतर आया। ताला ठीक करने वाले को लाया। हम दूसरी चाबी बनवाने के बारे में सोच रहे थे।”
– ”उसी दौरान हमारा नौकर आ गया। मैंने उससे कहा कि वह बालकनी से कूद कर दरवाजे को अंदर से खोले।”
– ”घर में घुसते ही मैंने देखा कि प्रत्यूषा पंखे से लटक रही है। मैं तुरंत उसकी ओर दौड़ा और उसके पैरों के नीचे अपना कंधा रख दिया।”
– ”ताला मरम्मत करने वाले ने उसका दुपट्टा काटा। मैंने उसके चेहरे पर पानी के छींटे मारे। उसके चेस्ट को पम्प करना शुरू किया और उसकी सांस वापस लाने के लिए माउथ-टू-माउथ प्रॉसेस की।”
– ”इसके बाद मैंने उसे तुरंत उठाया और नीचे ले गया। मैं कार में उसके बगल में बैठा। मैं परेशान था और जितनी जल्दी हो सका, सिग्नल तोड़ते हुए हॉस्पिटल पहुंचाया।”
– ”घर में घुसते ही मैंने देखा कि प्रत्यूषा पंखे से लटक रही है। मैं तुरंत उसकी ओर दौड़ा और उसके पैरों के नीचे अपना कंधा रख दिया।”
– ”ताला मरम्मत करने वाले ने उसका दुपट्टा काटा। मैंने उसके चेहरे पर पानी के छींटे मारे। उसके चेस्ट को पम्प करना शुरू किया और उसकी सांस वापस लाने के लिए माउथ-टू-माउथ प्रॉसेस की।”
– ”इसके बाद मैंने उसे तुरंत उठाया और नीचे ले गया। मैं कार में उसके बगल में बैठा। मैं परेशान था और जितनी जल्दी हो सका, सिग्नल तोड़ते हुए हॉस्पिटल पहुंचाया।”