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विदेश मंत्रालय के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिसंबर में जो ट्विटर सेवा सेल की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की थी. उस पर किस तरीके से काम चल रहा है उसकी समीक्षा के लिए गुरुवार को केंद्रीय गृह सचिव ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मीटिंग की. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ये कदम जन सेवाओं से संबंधित शिकायतों के प्रभावी ढंग से निस्तारण के लिए उठाया है.
इसके पीछे गृह मंत्रालय उन तमाम आम लोगों से जुड़े ट्वीट को एक सिस्टम के तहत निकालेगी और उसको गृह मंत्रालय के संबंधित विभाग को भेजा जाएगा. वो विभाग संबंधित व्यक्ति या संस्था से जुड़ी समस्याओं का निस्तारण करके उसको ट्विटर पर बताएगा. ट्विटर सेवा के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत ट्रायल के तौर पर दिसंबर 2016 में की गई थी. जिसमें कुल 7758 ट्वीट आए. जिनमें से 246 ट्वीट गृह मंत्रालय के अलग-अलग विभागों में भेजे गए और उसके जरिए काम किया गया. यही नहीं इस साल जनवरी में कुल 12421 ट्वीट आए. जिसमें 77 ट्वीट को अलग-अलग विभाग को भेजकर काम का निस्तारण किया गया.
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ट्विटर सेवा सेल को सुचारू रूप से चलाने के निर्देश
फरवरी में अब तक कुल 5602 ट्वीट आए जिसमें 15 ट्वीट गृह यंत्रालय के ट्विटर सेवा विभाग ने सेलेक्ट किए और उसको गृह मंत्रालय के अलग-अलग विभाग में भेजा गया. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि ये प्लेटफॉर्म जन शिकायतों को दूर करने के लिए बनाया गया है. इसके तहत जो भी संदेश मिलेंगे, उनका रिकॉर्ड रखा जाएगा और उन्हें संबंधित विभाग के संयुक्त सचिव को भेजा जाएगा. वहां से मुद्दे का समाधान होने के बाद उसकी पूरी जानकारी ट्विटर पर भेजी जाएग.