सुलेमानी की मौत के बाद अब भारत-पाकिस्तान में ये क्या होने जा रहा है, बढ़ेगा दोनों देश के बीच…

अमेरिका द्वारा इराक में किए गए हवाई हमले में ईरान के टॉप मिलिट्री जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई है. इस हमले के बाद अमेरिका और ईरान में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है. इसके बाद पूरी दुनिया में युद्ध की चर्चा होने लगी हैं. इस घटना का प्रभाव भारत और पाकिस्तान पर भी पड़ सकता है.
दरअसल, भारत सबसे ज्यादा तेल मध्य पूर्व के देशों से मंगाता है और इसमें सबसे ज्यादा इराक से तेल आयात होता है. भारत को आशंका है कि तेल की आपूर्ति तो होगी, लेकिन कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगी.
भारत 85 प्रतिशत तेल का आयात करता है. भारत के पास इस मामले से निपटने के लिए अमेरिका जैसा विकल्प नहीं है. क्योंकि पूरी दुनिया में तेल का व्यापार अमेरिकी डॉलर में चलता है और अमेरिका इससे बहुत कमाता है.
इधर तनाव की वजह से कच्चे तेल के भाव में 4 फीसदी की तेजी आ गई है. पहले से ही तेल का भाव काफी बढ़ा हुआ है. अक्टूबर 2019 में कच्चे तेल का भाव 59.70 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था. वहीं नवंबर में यह करीब 63 डॉलर हो गया. इसी तरह दिसंबर में कच्चे तेल का भाव 65 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया है. और अब इसके और महंगा होने की संभावना है.
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पाकिस्तान पर भी असर:
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से बेपटरी है और अब उसे और डर सता रहा है. वहां की अर्थव्यवस्था मात्र 280 बिलियन डॉलर की है. हालांकि पाकिस्तान के लिए एक विकल्प यह है कि जिन मुस्लिम देशों में तेल का उत्पादन होता है वे उसे तेल दे दें.
कुल मिलाकर कच्चे तेल के भाव बढ़ने की वजह से दूसरे देशों से इसे खरीदने पर खर्च अधिक करना पड़ता है और घाटा भी बढ़ जाता है. कच्चे तेल के भाव में उछाल की वजह से रुपये पर भी दबाव बढ़ जाता है. ऐसे में भारत को तेल खरीदने पर अधिक डॉलर खर्च करने पड़ते हैं.
पूरी दुनिया में चर्चा:
कासिम सुलेमानी की मौत के बाद पूरी दुनिया में चर्चा है कि क्या अमेरिका ईरान से युद्ध चाहता है, क्योंकि ईरान ने कहा है कि वो अपने कमांडर की मौत का बदला अमेरिका से लेकर रहेगा.
नाराज ईरान ने दी धमकी:
ईरान के सर्वोच्च नेता अयोतुल्लाह अली खमेनई ने ईरानी कुद्स फोर्स कमांडर सुलेमानी की हत्या के लिए अमेरिका की कड़ी निंदा की. उन्होंने सुलेमानी के शौर्य की तारीफ की और कहा कि वह जन्नत चले गए हैं. उन्होंने कहा कि सुलेमानी की हत्या से अमेरिका और इजरायल के खिलाफ ईरान का प्रतिरोध दोगुना हो जाएगा.
अमेरिका हुआ सतर्क:
ईरान की धमकी के बाद अमेरिका इन खतरों को भांपकर खाड़ी देशों में 3000 और सैनिक भेज रहा है. इसके जरिए अमेरिका खाड़ी देशों में अपनी किलेबंदी करने में जुटा है. अमेरिका के रक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि जिन 3000 सैनिकों को गल्फ भेजा जा रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप का बयान:
युद्ध की संभावनाओं के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि कासिम सुलेमानी का ‘खात्मा’ इसलिए किया गया क्योंकि वो अमेरिकी डिप्लोमैट्स पर हमला करने ही वाला था. हालांकि उन्होंने कहा कि अमेरिका ईरान की मौजूदा सरकार को गिराना नहीं चाहता है.