सुरक्षित और सुगम हवाई यातायात के लिए सभी एजेंसियां एक साथ जुटीं

अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद से विमानन सेवा में लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए देश की सभी संबंधित एजेंसियां हवाई अड्डों को यात्रियों के लिए सुरक्षित और सुगम बनाने की प्रयास में जुट गई है। इस सिलसिले में हवाई अड्डों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले सीआइएसएफ ने एक कार्यशाला का आयोजन किया।
सीआइएसएफ की कार्यशाला में ये लोग मौजूद रहे
इसकी अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कार्यशाला में सीआइएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों और देश के 69 हवाई अड्डों के सुरक्षा प्रमुखों के साथ-साथ नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण, दिल्ली पुलिस, आव्रजन ब्यूरो, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले एसपीजी, एनएसजी, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के अधिकारी और एयर इंडिया एक्सप्रेस व इंडिगो जैसी एयरलाइन्स के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
यात्रियों के लिए और अधिक सुगम बनेगा हवाई यातायात
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा की संभावित कमियों की पहचान कर उन्हें और मजबूत बनाने के साथ ही यात्रियों के लिए और अधिक सुगम बनाना था। इसमें बायोमैट्रिक एयरपोर्ट इंट्री पास और सीसीटीवी के साथ चेहरे के की पहचान को एकीकृत करने, वाहनों के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान व फास्ट टैग को एकीकृत करने पर चर्चा हुई।
इससे हवाई अड्डों में प्रवेश में तेजी, सुरक्षा जांच में लगने वाले समय में कमी सुनिश्चित की जा सकेगी। कार्यशाला में हवाई अड्डों की सुरक्षा और यात्री सेवाओं से जुड़े सभी एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल पर बल दिया गया।
हवाई अड्डों की सुरक्षा और मजबूत होगी
कार्यशाला में वीवीआइपी के मुवमेंट के समय हवाई अड्डों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इसके कारण सामान्य संचालन पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने भी विचार किया गया। कार्यशाला के दौरान हवाई यात्रा के दौरान होने वाली परेशानियों को लेकर यात्रियों द्वारा की जाने वाली शिकायतों पर कार्रवाई में देरी पर भी चर्चा हुई, जिसमें सभी सुरक्षा से समझौता किये बिना यात्रियों की दिक्कतों को तेजी से दूर करने पर सहमत थे।
तकनीक के आपस में जोड़ने पर बल दिया
कार्यशाला में वीवीआइपी के मुवमेंट के समय हवाई अड्डों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इसके कारण सामान्य संचालन पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने भी विचार किया गया। कार्यशाला के दौरान हवाई यात्रा के दौरान होने वाली परेशानियों को लेकर यात्रियों द्वारा की जाने वाली शिकायतों पर कार्रवाई में देरी पर भी चर्चा हुई, जिसमें सभी सुरक्षा से समझौता किये बिना यात्रियों की दिक्कतों को तेजी से दूर करने पर सहमत थे।
तकनीक के आपस में जोड़ने पर बल दिया
यात्रियों की शिकायत पर रियल टाइम प्रतिक्रिया और उसका समाधान सुनिश्चित करने के लिए एयरसेवा जैसे प्लेटफार्म के अधिक उपयोग करने का फैसला किया गया। कार्यशाला के दौरान संभावित खतरे की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल और सुरक्षा से जुड़ी सभी तकनीक के आपस में जोड़ने पर बल दिया गया।