सुरक्षित अमरनाथ यात्रा के लिए कश्मीर में बढ़ाई गई चौकसी, संवेदनशील इलाकों में सेना तैनात

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कश्मीर में सेना, पुलिस और अन्य एजेंसियों ने संवेदनशील इलाकों में संयुक्त तलाशी अभियान तेज कर दिए हैं। यात्रा मार्गों की निगरानी बढ़ा दी गई है और चप्पे-चप्पे पर आतंकवाद निरोधी ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।
श्री अमरनाथ यात्रा शुरू होने में 10 दिन ही शेष बचे हैं। यात्रा को लेकर पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था काफी बढ़ा दी गई है। सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षित व शांतिपूर्ण तीर्थयात्रा सुनिश्चित कराने के लिए कई संयुक्त अभियान शुरू किए हैं।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सेना के पैरा स्पेशल फोर्सेज सहित विशिष्ट इकाइयों को तैनात किया गया है। दक्षिण कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में कई सर्च एंड डोमिनेशन ऑपरेशन (साडो) चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही, मध्य और उत्तरी कश्मीर के ऊपरी इलाकों में भी लगातार आतंकरोधी अभियान चल रहे हैं, जिनमें सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माने जाने वाले इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
सुरक्षाबलों ने संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी है। अतिरिक्त चेक पॉइंट बनाए गए हैं। यात्रा के बेस कैंपों की ओर जाने वाले मार्गों पर इलाके का सेनिटाइजेशन अभियान चलाया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यात्रा के मार्ग पूरी तरह से आतंकवादियों से मुक्त हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि ये अभियान समन्वित सुरक्षा रणनीति का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य किसी भी खतरे को रोकना और तीर्थयात्रियों तथा स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। गौरतलब है कि श्री अमरनाथ जी यात्रा तीन जुलाई से शुरू होने वाली है जो नौ अगस्त को संपन्न होगी। बता दें कि श्री अमरनाथ जी की वार्षिक यात्रा हमेशा से आतंकवादियों के निशाने पर रही है।
अतीत में हुए आतंकी हमले
अगस्त 2000: नुनवन में हुए आतंकी हमले में दो दर्जन अमरनाथ तीर्थयात्रियों सहित 32 लोग मारे गए थे
जुलाई 2001: शेषनाग में आतंकी हमले में 13 लोग मारे गए थे
अगस्त 2002: चंदनबाड़ी कैंप पर आतंकी हमला हुआ था और 11 अमरनाथ यात्री मारे गए थे
जुलाई 2017: कुलगाम जिले में अमरनाथ यात्रा बस पर हुए हमले में आठ तीर्थयात्री मारे गए थे