सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद अब चुनाव आयोग ने “पीएम नरेंद्र मोदी” फिल्म की रिलीज पर लगाई रोक…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर बन रही बायोपिक निर्माण के साथ ही विवादों में है. पिछले एक हफ्ते से पीएम नरेंद्र मोदी की रिलीज को लेकर भारी उठापटक देखने को मिल रही है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद अब चुनाव आयोग ने फिल्म की रिलीज पर अड़ंगा लगा दिया है.
खबरों के मुताबिक तय रिलीज डेट 11 अप्रैल को नहीं आ पाएगी. फिल्म में विवेक ओबेरॉय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका निभा रहे हैं. निर्वाचन आयोग ने मोदी बायोपिक सहित ऐसी किसी भी फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई है जिनका संबंध राजनीतिक है और वे चुनाव पर असर डाल सकती हैं. फिल्मों को किसी भी इलेक्टॉनिक, सोशल मीडिया या सिनेमा के दूसरे माध्यम पर प्रदर्शन करने से रोक लगाई गई है. चुनाव आयोग ने एक कमेटी का गठन किया है जो इस मामले की गहराई से जांच करेगी. चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक चुनावों के चलने तक पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक को रिलीज नहीं किया जा सकेगा.
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बताते चलें कि कंटेंट को लेकर विवाद के चलते मूवी की रिलीज पर रोक लगाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की गई थी. मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, “अभी तक मूवी को सेंसर बोर्ड से सर्टिफेकेशन नहीं मिला है. ऐसे में फिल्म से जुड़े मामले में हस्तक्षेप करना जल्दबादी होगा.”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, “अगर पीएम नरेंद्र मोदी 11 अप्रैल को रिलीज होती है, तो इस संदर्भ में क्या करना है इसका फैसला चुनाव आयोग करेगा. चुनाव आयोग इस बात का निर्णय लेगा कि पीएम नरेंद्र मोदी किसी तरह की आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं कर रही.”
बताते चलें कि पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए रिलीज रोकने की मांग की थी. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने गंभीर आरोप लगाए थे. मनसे ने कहा था कि किसी फिल्म की रिलीज से 58 दिन पहले फाइनल कॉपी सेंसर के पास भेजी जाती है. ऐसे में प्रधानमंत्री पर बनी फिल्म को कैसे विशेष रियायत दी गई. बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी की घोषणा जनवरी में हुई थी और ये फिल्म 39 दिन में बनकर तैयार हो गई. मनसे ने सेंसर चीफ से इस्तीफ़ा भी मांगा था.
बता दें ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ बायोपिक का कांग्रेस समेत कई दल लगातार विरोध कर रहे हैं. पार्टियों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस फिल्म का रिलीज होना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. इससे वोटर्स भाजपा की ओर आकर्षित होंगे. कंटेंट को लेकर विवाद के चलते मूवी की रिलीज पर रोक लगाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी.