सीमा विवाद ने जयपुर के पर्यटन पर लगाया ब्रेक, होटलों में 80 प्रतिशत बुकिंग रद्द

भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े तनाव के बाद राजस्थान आने वाले पर्यटकों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। राज्य के पर्यटन उद्योग पर इसका गहरा पड़ा है। राज्य की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा रहा राजस्थान का पर्यटन अब संकट का सामना कर रहा है।
राजस्थान के प्रमुख होटलों में इस समय 80 प्रतिशत बुकिंग्स रद्द हो चुकी हैं। होटल संचालक और ट्रेवल एजेंट्स अब इस स्थिति से जूझते नजर आ रहे हैं। होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष हुसैन खान के मुताबिक हमारे लिए यह समय बहुत कठिन है क्योंकि लगभग 500 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। हम उम्मीद करते हैं कि स्थिति जल्द सामान्य होगी।
राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर इन दिनों सन्नाटा सा पसरा है। जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर और जयपुर जैसे शहरों में पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है। विदेशी पर्यटकों की आवक तो लगभग आधी रह गई है, जबकि स्थानीय पर्यटकों की संख्या भी लगातार घट रही है। ये प्रभाव विशेष रूप से उन महीनों में देखा जा रहा है, जब राज्य में पर्यटन का ऑफ सीजन होता है यानी अप्रैल से लेकर सितंबर तक।
पहलगाम हमले के बाद से पर्यटकों में असुरक्षा का अहसास बढ़ा है और इसी के चलते लोगों ने अपनी यात्रा की योजना रद्द की है। होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन का कहना है हमारी प्राथमिकता इस समय पर्यटकों की सुरक्षा है। हम उन्हें पूरा रिफंड दे रहे हैं ताकि उनका विश्वास बना रहे।
जयपुर में जहां आमेर महल और हवा महल जैसे प्रसिद्ध स्थलों पर आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। मौसम की स्थिति भी इस बार अनुकूल रही थी, जिससे जनवरी से अप्रैल तक पर्यटन का दौर ठीक-ठाक था लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। राजस्थान का जो आकर्षण एक समय पर्यटकों को खींच लाता था, वह अब थोड़ा फीका पड़ गया है, और इसका असर न सिर्फ होटल कारोबार पर पड़ा है, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी हो रहा है।