सीजेरियन ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने पेट में ही छोड़ा रुमाल

doctor-operation-Handkerchief_571b347f84fbfबैतूल : बैतूल के जिला अस्पताल में एक महिला के पेट में ही डॉक्टरों ने रुमाल छोड़ दिया है। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों से हुई इस भारी लापरवाही के कारण महिला के पेट में असहनीय दर्द होने लगा, जिसे उसने चार माह तक झेला। जब दर्द बर्दाश्त से बाहर हो गई, तो परिवार ने कर्ज लेकर नागपुर में ऑपरेशन करवाया। तब जाकर रुमाल बाहर निकला।

परिवार की आर्थित स्थिति कमजोर है। घटना शहर के विनोबा वार्ड निवासी 22 वर्षीय हिना फजलानी पत्नी अब्दुल कादर का है। अस्पताल में महिला को 29 दिसंबर को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। यहां डॉक्टर संजय नेमा ने सीजर ऑपरेशन कर प्रसव करवाया। 6 दिन रहने के बाद हिना अपने घर लौट गई। जनवरी के बाद उसे दोबारा पेटदर्द हुआ, तो हिना ने अपने पति को बताया।

फिर से उसे उसी डॉक्टर को दिखाया गया। उसने दवाइयां लिख दी। लेकिन फिर भी जब दर्द कम नहीं हुआ, तो दूसरे डॉक्टरों को दिखाया गया। पति ने बताया कि सोनोग्राफी रिपोर्ट दिखाने पर डॉक्टर नेमा ने रूई न होकर पेट में कोई घाव होने की जानकारी दी और इंजेक्शन लगाने के बाद आराम मिल जाने की बात कही।

दर्द बढ़ने पर महिला को नागपुर ले जाया गया। नागपुर में जब फिर से सोनोग्राफी कराई गई तो पेट में रुमाल होने की बात साफ हुई। 12 अप्रैल को ऑपरेशन कर इसे निकाला गया। पेट में इससे इंफेक्शन हो गया था। डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन नहीं किया जाता तो महिला की जान भी जा सकती थी। परिवार को ऑपरेशन के लिए 75,000 का कर्ज लेना पड़ा।

वे अब इसकी शिकायत कलेक्टर के अलावा स्वास्थ्‍य विभाग के अाला अधिकारियों से करेंगे और उपभोक्ता फोरम में परिवार दायर करेंगे। इस मामले में बैतूल जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर बसंत श्रीवास्तव का कहना है कि अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। जानकारी जरूर मिली है। शिकायत मिलने पर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। वैसे संबंधित व्यक्ति फोरम में भी शिकायत कर सकते हैं।

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