सीएम योगी के इस कदम से आज यूपी में नहीं हुआ विरोध प्रदर्शन, पुलिस को दिया था ये मूलमंत्र

नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों पर अंकुश लगाने के लिए यूपी प्रशासन सख्ती बरत रहा है। फिलहाल राज्य के 21 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और उपद्रव की आशंका के मद्देनज़र पूरी सतर्कता बरती जा रही है। इस बीच डीजीपी ओपी सिंह ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि कार्रवाई के दौरान निर्दोष लोगों को नहीं छुआ जा रहा है, किन्तु उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा। हिंसक तत्वों को सख्त संदेश देते हुए सीएम योगी ने कहा कि चाहे वह पीएफआई का सदस्य हो या किसी राजनीतिक पार्टी का, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
सीएम योगी ने बताया कि हिंसा के मामलों की जांच के लिए एसआईटी की कई टीमों का भी गठन कर दिया गया हैं। डीजीपी ने साथ ही यह भी कहा कि यूपी के 21 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा अभी बंद है और स्थिति की मांग के हिसाब से ही इसे आरंभ किया जाएगा। यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने दावा किया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से काबू में है। उन्होंने आगे कहा कि, ‘हमने पुलिस फोर्स की रणनीतिक तैनाती जारी रखी है, साथ ही मामलों की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन कर दिया गया है। हमने 21 जिलों का इंटरनेट क्लोज कर दिया है और जब स्थिति की मांग होगी तभी यह सेवा बहाल की जाएगी।
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डीजीपी ने यह भी कहा कि, ‘हम निर्दोषों को नहीं छू रहे हैं, किन्तु जो हिंसा में संलिप्त थे उन्हें छोड़ेंगे भी नहीं। इसलिए हमने कई संगठनों के सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है। चाहे यह पीएफआई हो या फिर कोई राजनीतिक दल का सदस्य।’ आपको बता दें कि लखनऊ में 19 दिसंबर को CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जफर को भी अरेस्ट कर लिया था। पिछले दिनों कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने उनकी रिहाई की मांग की थी।