सीएम नीतीश ने बुलाई जेडीयू विधायकों की आपात बैठक…

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायक दल की आपात बैठक रविवार को अपने सरकारी आवास एक अण्णे मार्ग पर बुलाई है। माना जा रहा है कि चार दिनों का अल्टीमेटम खत्म होने और लालू यादव द्वारा तेजस्वी के इस्तीफे से इनकार करने के बाद नीतीश कुमार कोई कठोर फैसला ले सकते हैं।

सीएम नीतीश ने बुलाई जेडीयू विधायकों की आपात बैठक...

 

बता दें कि इस्तीफे पर राजद और जेडीयू के बीच खटास बढ़ती जा रही है। जेडीयू नेताओं के बयानों से दोनों दलों के बीच के रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती जा रही है।

इधर, एक सरकारी समारोह में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार (15 जुलाई) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंच साझा नहीं किया। तय कार्यक्रम के मुताबिक तेजस्वी यादव को आना था लेकिन वो कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बगल में उनके लिए बैठने की व्यवस्था की गई थी लेकिन जब वो नहीं पहुंचे तो सीएम की मौजूदगी में ही अधिकारियों ने पहले उनका नेम प्लेट ढक दिया फिर बाद में उसे हटा लिया गया। विश्व युवा कौशल दिवस पर पटना के अशोक कन्वेंशन सेन्टर में समारोह आयोजित किया गया था।

बता दें कि तेजस्वी यादव के पिता और राजद अध्यक्ष लालू यादव ने दो टूक कहा है कि तेजस्वी पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने साफ किया कि एफआईआर तेजस्वी के इस्तीफे का समुचित कारण नहीं हो सकता है। इसबीच, जेडीयू ने तेजस्वी के इस्तीफे पर अपना रूख कड़ा कर लिया है। जेडीयू महासचिव के सी त्यागी ने फिर से कहा है कि राजद को लालू परिवार पर लगे आरोपों पर पूरे विवरण के साथ सफाई देनी चाहिए। उधर, जेडीयू नेता श्याम रजक ने कहा है कि लालू यादव बुजुर्गियत में उल्टे-सीधे फैसले कर रहे हैं।

गौरतलब है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार है। नीतीश कुमार उसके मुखिया हैं। नीतीश कुमार खुद और उनकी पार्टी नहीं चाहती कि दाग लगने के बाद तेजस्वी यादव सरकार में बने रहें। इसके लिए मंगलवार (11 जुलाई) को जेडीयू ने तेजस्वी यादव से स्पष्टीकरण भी मांगा है और चार दिनों का अल्टीमेटम दिया है। सीबीआई ने लालू यादव, पत्नी राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत कुल सात लोगों को आरोपी बनाया है। लालू पर रेल मंत्री रहते हुए कुछ लोगों को गलत फायदा पहुंचाने और उसके एवज में संपत्ति लेने का आरोप लगाया है।

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