सिर्फ बादल नहीं, प्लेन भी बन सकते हैं बारिश का कारण! कभी-कभी तो बर्फबारी भी कराते हैं

आपने कई बार आसमान में सफेद, काले या कभी-कभी अजीबोगरीब आकार के बादल देखे होंगे. लेकिन क्या कभी आपने किसी बादल में गोल छेद जैसा कुछ देखा है? ऐसा लग सकता है जैसे किसी ने बादल में से टुकड़ा काट दिया हो. इस तरह के बादल को वैज्ञानिक ‘होल पंच क्लाउड’ या ‘फॉल्सट्रीक होल’ कहते हैं. देखने में ये बादल बिल्कुल वैसा लगते हैं जैसे किसी ने बादल में गोल आकार का सुराख कर दिया हो. अब सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा होता कैसे है?
बादल में सुराख क्यों बनता है?
दरअसल, इस तरह का बादल तब बनता है जब कोई हवाई जहाज आसमान में एक खास तरह के बादलों के बीच से गुजरता है. ये बादल दिखने में आम जैसे लगते हैं, लेकिन इनके अंदर मौजूद पानी की बूंदें फ्रीजिंग पॉइंट से नीचे होते हुए भी जमी नहीं होतीं. इन्हें वैज्ञानिक भाषा में “सुपरकूल्ड वाटर ड्रॉपलेट्स” कहा जाता है.
जब हवाई जहाज उन बादलों के बीच से उड़ता है तो उसके पंख और इंजन के आसपास की हवा बहुत तेजी से ठंडी हो जाती है. इस ठंडक की वजह से बादल की वो बूंदें अचानक बर्फ में बदलने लगती हैं. बर्फ के जो क्रिस्टल बनते हैं, वो नीचे गिरते हैं और पीछे बादल में एक गोल आकार का खाली हिस्सा रह जाता है- जो हमें बादल में बने छेद की तरह दिखाई देता है.
बारिश और बर्फबारी का बन सकता है कारण
वैज्ञानिकों ने पाया है कि इस प्रक्रिया से सिर्फ बादलों में छेद ही नहीं बनते, बल्कि बारिश और बर्फबारी भी हो सकती है. अगर हवाई जहाज जमीन से कम ऊंचाई पर उड़ रहा हो और उसके रास्ते में ऐसे बादल हों, तो उसमें से कुछ बूंदें बारिश के रूप में गिर सकती हैं और कुछ बर्फ बनकर नीचे आ सकती हैं. इसलिए वैज्ञानिक इसे इंसान की वजह से बना “आर्टिफिशियल वेदर इफेक्ट” भी मानते हैं.
एक रिसर्च ने खोला रहस्य
नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च (NCAR) के एंड्रयू हेम्सफील्ड और उनकी टीम ने इन बादलों पर रिसर्च की है. उन्होंने पाया कि ये होल पंच क्लाउड्स ज्यादातर उन्हीं इलाकों में दिखते हैं जहां से हवाई जहाज बार-बार उड़ते हैं. टेक्सस जैसे इलाकों में वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट की मदद से ऐसे सैकड़ों बादल देखे जिनमें सुराख बने थे. NASA के सैटेलाइट CloudSat और मौसम के एक खास मॉडल की मदद से यह साबित किया गया कि ये छेद सिर्फ एयरक्राफ्ट्स की वजह से ही बने थे.
हर तरह के जहाज बना सकते हैं ऐसे बादल
रिसर्च में यह भी सामने आया कि सिर्फ कमर्शियल एयरलाइन ही नहीं, बल्कि प्राइवेट जेट्स और मिलिट्री विमान भी ऐसे बादल बना सकते हैं. जब जहाज बादलों से गुजरते हैं, तो उनके पंखों और प्रॉपेलर के पास का तापमान इतनी तेजी से गिरता है कि वहां मौजूद नमी बर्फ में बदल जाती है. इससे न सिर्फ छेद बनता है, बल्कि वह छेद धीरे-धीरे और भी बड़ा होता चला जाता है, जो कई घंटों तक आसमान में बना रह सकता है.
प्लेन में बैठे लोग भी देख सकते हैं यह नजारा
अगर आप कभी प्लेन में बैठे हैं और सफर के दौरान आपने पंखों के पास एक हल्का सा बादल जैसा पर्दा देखा हो, तो हो सकता है आपने उसी पल एक होल पंच क्लाउड को बनते हुए देखा हो. खासतौर पर जब प्लेन किसी नम और गर्म इलाके से उड़ता है, तो इस तरह का दृश्य देखना ज्यादा आम होता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ये एक तरह का “सुपरकूल्ड क्लाउड इफेक्ट” होता है.
क्या होल पंच क्लाउड्स खतरनाक होते हैं?
नहीं, ये बादल देखने में जितने रहस्यमयी लगते हैं, उतने ही नुकसान रहित भी होते हैं. इनसे किसी तरह का नुकसान नहीं होता. न ही ये तूफान या खराब मौसम का संकेत होते हैं. लेकिन इनकी बनावट और वैज्ञानिक प्रक्रिया इतनी अनोखी होती है कि ये हर बार आसमान में दिख जाएं, तो लोग हैरान रह जाते हैं.