सिरोही: बाल कल्याण समिति ने लावारिस बालक को परिजनों से मिलवाया

आबूरोड रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस बल को एक 7 साल का बालक अकेले घूमता हुआ मिला। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि बालक अपने परिजनों से किसी अन्य स्टेशन पर बिछड़ गया था और गलती से आबूरोड स्टेशन पहुंच गया।
बाल कल्याण समिति सिरोही ने मानवीय संवेदनाओं का परिचय देते हुए शनिवार को एक 7 वर्षीय लावारिस बालक को उसके परिजनों को सकुशल सौंप दिया। बालक एक दिन पहले आबूरोड रेलवे स्टेशन पर अकेला और असहाय अवस्था में मिला था। परिजनों से पुनर्मिलन के दौरान बालक और उसके परिवारजन भावविभोर हो उठे।
क्या था मामला
11 अप्रैल 2025 की रात करीब 10 बजे आबूरोड रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस बल को एक 7 साल का बालक अकेले घूमता हुआ मिला। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि बालक अपने परिजनों से किसी अन्य स्टेशन पर बिछड़ गया था और गलती से आबूरोड स्टेशन पहुंच गया। रेलवे पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बालक को बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सुश्री रतन बाफना के निवास पर पहुंचाया।
वहां उन्होंने बालक से स्नेहपूर्वक बातचीत की। वार्ता के दौरान बालक ने अपने माता-पिता के नाम व मोबाइल नंबर बताए। प्राप्त जानकारी के आधार पर बालक के पिता से संपर्क किया गया। पुत्र की खबर मिलते ही परिजन भावुक हो उठे और तुरंत ही बालक से फोन पर बात करवाई गई। यह क्षण अत्यंत मार्मिक रहा। रात को ही समिति अध्यक्ष द्वारा बालक को अस्थायी रूप से राजकीय किशोर गृह में शेल्टर देने के आदेश दिए गए ताकि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सौंपा गया परिजनों को
अगले दिन शनिवार को बालक के पिता बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थित हुए। दस्तावेजों की जांच और सत्यापन के बाद समिति सदस्य श्री प्रकाश माली ने विधिवत रूप से बालक को उसके पिता को सौंप दिया। पिता से मिलते ही बालक फूट-फूट कर रो पड़ा। यह दृश्य वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम कर गया।
इनका रहा सराहनीय योगदान
इस पुनीत कार्य में बाल कल्याण समिति के साथ कई अन्य अधिकारियों और कार्यकर्ताओं का भी योगदान रहा। प्रमुख रूप से राजकीय किशोर गृह के अधीक्षक श्री रणछोड़ कुमार, संरक्षण अधिकारी श्री कन्हैया लाल, सामाजिक कार्यकर्ता श्री जितेन्द्र कुमार, चाइल्ड हेल्पलाइन कोऑर्डिनेटर श्री मनोहरसिंह और केस वर्कर श्री हिमांशु की उपस्थिति सराहनीय रही।