सिरसा: घग्गर नदी के बढ़ते जलस्तर से फ्लडी नहरें टूटीं

सिरसा में सदेवा खरीफ चैनल, मम्मड और अन्य नहरों से किसानों की मांग पर लगभग 850 पाइपलाइनें उखाड़ी गई हैं। यह कदम किसानों की सुविधा के लिए उठाया गया था, लेकिन अब यही नहरों की कमजोरी का कारण बन रहा है।
घग्गर नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण स्थिति गंभीर होती जा रही है। नदी के बढ़ते पानी को नियंत्रित करने के लिए फ्लडी नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन बीते दो दिनों में दो बार फ्लडी नहरें टूट चुकी हैं। पहले ऐलनाबाद में नहर टूटने की घटना सामने आई थी, और अब शनिवार तड़के चार बजे सदेवा खरीफ चैनल की खारिया-धोतड़ गांव के पास नहर की पटरी टूट गई। इस हादसे में एक दुखद घटना भी सामने आई, जिसमें शादी समारोह में जा रहे युवक संदीप कुमार की नहर में डूबने से मौत हो गई, जबकि उनका बहनोई चोटिल होने के बावजूद तैरकर बाहर निकल आया।
हादसे का विवरण
जानकारी के अनुसार, संदीप कुमार और उनका बहनोई नहर की पटरी से गुजर रहे थे, लेकिन अंधेरे में टूटी पटरी को देख नहीं पाए। हादसे में संदीप कुमार की डूबने से मौत हो गई, जबकि उनके बहनोई को पैर और जबड़े पर चोटें आईं। बहनोई ने पटरी पर बैठकर मदद के लिए आवाज लगाई, जिसे वहां से गुजर रहे किसान ओमप्रकाश ने सुना और परिजनों के साथ-साथ सिंचाई विभाग के जेई और बेलदार को सूचित किया। हैरानी की बात यह है कि सूचना मिलते ही जेई और बेलदार मौके से गाड़ी छोड़कर भाग गए।
ग्रामीणों में आक्रोश, मुआवजे की मांग
घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक ग्रामीण जमा हो चुके थे। ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ गहरी नाराजगी जाहिर की और सरकार से मृतक के परिवार के लिए मुआवजे की मांग की। इस दौरान सदेवा नहर का पानी बंद करवाया गया। पानी बंद करने को लेकर दो किसानों ने अधिकारियों से बहस की, जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने उनके साथ मारपीट की, और वे मौके से भाग गए।
फसलों और बागों को भारी नुकसान
किसानों के अनुसार, नहर टूटने से करीब 1000 एकड़ फसल चार से पांच फीट पानी में डूब गई, जिसमें धान, कपास, नरमा और पशु चारा शामिल हैं। इसके साथ ही 40 एकड़ बाग भी पूरी तरह जलमग्न हो गए। नहर के 60 फीट चौड़े कटाव के कारण आसपास का बड़ा क्षेत्र पानी में डूब गया, जिससे किसानों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
नहरों की कमजोरी का कारण
जानकारी के अनुसार, जिले में सदेवा खरीफ चैनल, मम्मड और अन्य नहरों से किसानों की मांग पर लगभग 850 पाइपलाइनें उखाड़ी गई हैं। यह कदम किसानों की सुविधा के लिए उठाया गया था, लेकिन अब यही नहरों की कमजोरी का कारण बन रहा है। घग्गर नदी में 6 फीट तक पानी बढ़ चुका है, और जहां-जहां पाइपलाइनें हटाई गई हैं, वहां नहरों की पटरी को मजबूत नहीं किया गया। नतीजतन, नहरें टूट रही हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।