सिगरेट की लत छोड़ने के लिए शख्स ने मुंह पर बांधा पिंजरा

इब्राहिम पिछले 26 वर्षों से हर दिन करीब दो पैक सिगरेट पीते थे। कई बार उन्होंने कसम खाई कि अब नहीं पिएंगे लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से वही आदत लौट आती। बार-बार असफल होने के बाद एक दिन उन्होंने ठान लिया कि अब बस।

सिगरेट छोड़ना दुनिया के सबसे मुश्किल कामों में से एक माना जाता है। कई लोग सैकड़ों बार कोशिश करते हैं, लेकिन कुछ ही लोग कामयाब हो पाते हैं। तुर्की के रहने वाले इब्राहिम युसेल भी लंबे समय तक इसी लत में फंसे रहे। पर उन्होंने जो तरीका अपनाया, उसने सबको हैरान कर दिया। उन्होंने सिगरेट से खुद को दूर रखने के लिए अपने सिर पर एक पिंजरा पहन लिया। तो आज की इस खबर में हम आपको इसी वीडियो के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

इब्राहिम पिछले 26 वर्षों से हर दिन करीब दो पैक सिगरेट पीते थे। कई बार उन्होंने कसम खाई कि अब नहीं पिएंगे लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से वही आदत लौट आती। बार-बार असफल होने के बाद एक दिन उन्होंने ठान लिया कि अब बस। इस बार वो सिगरेट को अपने जीवन से निकालकर ही रहेंगे। पर उन्होंने इसे छोड़ने के लिए जो तरीका चुना वो शायद किसी ने पहले नहीं सुना होगा।

सिगरेट छोड़ने के लिए शख्स ने अपनाया यह तरीका

उन्होंने तार और लोहे के जाल से एक “हेड केज” यानी सिर का पिंजरा बनाया। यह ऐसा बना था कि उसके अंदर से मुंह बाहर निकालना या कुछ पीना लगभग नामुमकिन था। और ताकि वो खुद इसे उतार न सकें, उन्होंने इसकी चाबी अपनी पत्नी और बेटी को दे दी। अब वो चाहकर भी सिगरेट नहीं पी सकते थे। जब भी घर से बाहर निकलते। यह पिंजरा उनके सिर पर होता और उनकी फैमिली के पास ही उसकी चाबी रहती।

शुरू में लोगों ने मारे ताने

शुरुआत के कुछ दिन उनके लिए बहुत मुश्किल रहे। लोग उन्हें देखकर हंसते, कुछ तो तस्वीरें खींचते, तो कुछ ताने मारते। लेकिन इब्राहिम ने हार नहीं मानी। वो कहते थे, “शर्म आने से बेहतर है कि मैं अपनी जान बचा लूं।” खाने-पीने में भी उन्हें काफी दिक्कत होती थी। वो पानी सिर्फ स्ट्रॉ से पी पाते थे और छोटे-छोटे क्रैकर्स खाकर ही काम चलाते थे, क्योंकि बड़ा खाना उस पिंजरे से होकर अंदर नहीं जा सकता था। इब्राहिम की पत्नी शुरू में थोड़ी परेशान हुईं, लेकिन जब उन्होंने देखा कि उनके पति सच में अपनी लत छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्होंने पूरा साथ दिया। हर दिन वो और उनकी बेटी उस पिंजरे की चाबी संभालकर रखतीं और जरूरत पड़ने पर ही खोलतीं। धीरे-धीरे, कुछ हफ्तों में इब्राहिम की सिगरेट की चाह कम होने लगी।

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