सास-बहू लड़ी तो, पंचायत ने पति को दी पेड़ से बांधकर रोज दो चांटे मारने की सजा

जयपुर। राजस्थान के जैसलमेर में सास-बहू के झगड़े में पति को चार दिन तक भीषण गर्मी में घर के बाहर पेड़ से बंधे रहना पड़ा। आखिर मंगलवार को पुलिस ने इस आदमी को मुक्त कराया और अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस शख्स का कसूर सिर्फ इतना था कि यह अपनी मां को अपने साथ रखना चाहता था और यह पत्नी को बर्दाश्त नहीं था। पत्नी ने पंचायत बुला ली और पंचायत ने फैसला सुनाया कि पति को सात दिन तक पेड़ से बांध दिया जाए और पत्नी उसे रोज दो चांटे मारे।

सास-बहू लड़ी तो, पंचायत ने पति को पेड़ से बांधकर दी रोज दो चांटे मारने की सजा

मीडिया में खबर आने के बाद मंगलवार को पुलिस सक्रिय हुई और पति को मुक्त कराया। साथ ही पंचों के खिलाफ भी कार्रवाई की। घटना जैसलमेर जिले के पोखरण में भणियाणा उपखंड मुख्यालय के पास खींवसर गांव की है। यहां रहने वाले धन्नााराम और उसकी पत्नी गंगा के बीच बूढ़ी मां की सेवा को लेकर विवाद चल रहा था। धन्नााराम बुजुर्ग मां को साथ रखना चाहता था, जबकि पत्नी उन्हें साथ नहीं रखना चाहती थी।

इसे लेकर दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था। चार दिन पहले कुछ कहासुनी हुई तो पत्नी ने अपने पीहर बुड़किया, देचू के पंचों और कुछ स्थानीय पंचों को बुला लिया। पंचों ने धन्नााराम को सात दिन तक कड़ी धूप में बांधकर उसी की पत्नी को बोल दिया कि रोज दो चांटे मारना, अपने आप सुधर जाएगा। सजा के दौरान मां खिलाती रही खानाधन्नााराम को पेड़ से बांधने के दिन से उसकी 70 वर्षीय मां अपने बेटे को खाना खिलाती और उसकी देखभाल करती रही।

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पंचों ने पड़ोसियों को भी कह दिया कि जब तक हमारा हुक्म नहीं होगा, तब तक इसे कोई नहीं खोलेगा। अगर कोई उनके पास जाएगा तो उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा। धन्नााराम की पत्नी गंगा का कहना है कि मेरा पति और सास अक्सर मेरे साथ गाली-गलौज करते रहते थे। मेरा पति कभी पत्थर भी मार दिया करता था, तब मैंने पीहर बुड़किया से यहां के लोगों की मदद से उसे खेजड़ी से बंधवा दिया।

पुलिस ने कराया मुक्त

इस मामले की खबर मीडिया में आने के बाद मंगलवार को पुलिस गांव पहुंची और धन्नााराम को आजाद कराया तथा मेडिकल करवा कर अस्पताल में भर्ती कराया। इसके साथ ही पंचों के खिलाफ भी जांच की जा रही है।

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